उर्दू पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने दावा किया है कि उन्होंने दो महीने पहले ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का आगाह किया था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कुछ महीनों में उनकी सरकार से समर्थन वापस ले सकती है। सिद्दीकी ने मंगलवार (19 जून) को ट्वीट किया, "...वो जानती थीं लेकिन उन्होंने गठबंधन तोड़ने से बेहतर बाहर किए जाने का विकल्प चुना।" शाहिद सिद्दीकी ने ये अनुमान भी जताया है कि बीजेपी समय से पहले ही नवंबर 2018 में लोक सभा चुनाव करा सकती है। शाहिद सिद्दीकी ने ट्वीट किया है, "ऐसा लग रहा है कि बीजेपी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही नवंबर 2018 में लोक सभा चुनाव करा सकती है।" शाहिद सिद्दकी ने जुलाई 2012 में नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लिया था जो काफी विवादित रहा था। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और शाहिद सिद्दीकी उर्दू दैनिक नई दुनिया के संपादक।
कश्मीर में नहीं चलेगी बाहुबल की राजनीति, अब किसी के साथ मिलकर नहीं बनाएंगे सरकार: महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर में इन 10 वजहों से बीजेपी ने किया पीडीपी से ब्रेकअप
बीजेपी महासचिव राम माधव ने मंगलवार दोपहर पत्रकार वार्ता करके जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने की घोषणा की। राम माधव ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विकास कार्यों में मदद नहीं कर रही थी। राम माधव ने राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए भी पीडीपी को जिम्मेदार ठहरते हुए इसे भी गठबंधन तोड़ने की एक वजह बतायी। बीजेपी द्वारा इस्तीफे की घोषणा के कुछ ही देर बाद महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपना इस्तीफा भेज दिया। महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार शाम को प्रेस वार्ता में कहा कि उन्होंने इस्तीफा भेजने के साथ ही राज्यपाल से कहा है कि वो किसी और दल के साथ गठबंधन करके सरकार नहीं बनाना चाहतीं।
शाहिद सिद्दीकी द्वारा साल 2012 में लिया गया नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू
वहीं बीजेपी और पीडीपी की सरकार गिरते ही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी पीडीपी को समर्थन नहीं देगी। वहीं राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने न तो किसी दल से सरकार बनाने के लिए सम्पर्क किया है और न ही किसी दल उनसे सम्पर्क साधा है। उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राज्यपाल वोहरा से मुलाकात की। उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने राज्य में राज्यपाल शासन लगाने की माँग की है।
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