कश्मीर में नहीं चलेगी बाहुबल की राजनीति, अब किसी के साथ मिलकर नहीं बनाएंगे सरकार: महबूबा मुफ्ती
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 19, 2018 05:07 PM2018-06-19T17:07:07+5:302018-06-19T17:22:17+5:30
बीजेपी नेता राम माधव ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन खत्म करने की घोषणा की थी। उसके बाद सीएम महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपना इस्तीफा भेज दिया।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को इस्तीफा भेजने के बाद अपने पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की। बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने पत्रकार वार्ता की। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी एक बहुत बड़ी पार्टी है और पीएम नरेंद्र मोदी को देश में बहुत बड़ा बहुमत मिला था इसलिए पीडीपी ने उसके संग मिलकर राज्य में सरकार बनायी थी।
महबूबा मुफ्ती ने पत्रकार वार्ता में अपनी सरकार की उपलब्धियाँ गिनायीं। महबूबा मुफ्ती ने राज्य के 1100 युवाओं पर दायर किए गये मुकदमे वापस लेने को हवाला दिया। महबूबा मुफ्ती ने राज्य में एकतरफा सीजफायर को भी अपनी सरकार का बड़ी उपलब्धि बतायी। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि एकतरफा सीजफायर लाग कराया। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से भी बात होनी चाहिए, यहाँ के लोगों से भी बात होनी चाहिए। राज्य में ताकत की राजनीति, जबरदस्ती की राजनीति नहीं चल सकती।
महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने राज्यपाल एनएन वोहरा को भेजे गये इस्तीफे में साफ कर दिया है कि वो किसी और दल के साथ गठबंधन नहीं करना चाहतीं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी ने घाटी में 370 नहीं लागू होने दिया। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी ने संवाद के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया था न कि सत्ता के लिए।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फेंस में महबूबा मुफ्ती ने कहा, बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद मैंने इस्तीफा दे दिया। मैंने सोचा था बीजेपी हमें घाटी के लोगों को मुसीबत से बाहर निकालने में मदद करेगी। हमारी गठबंधन का बेसिक मतलब था यहां के लोगों की स्थिति में सुधारा करना, पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाना था।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "हमने पिछले 3-4 साल में 11 हजार जवानों को खिलाफ केस खत्म किए। पीडीपी का जो मकसद था कि लॉ एंड ऑडर्र बना रहे वह सफल होता नहीं दिखा। हमने 370 लेकर लोगों का डर दूर किया था। रमजान में भी ऑपरेशन करवाया। सीजफायर खत्म करने की कोशिश की। जम्मू कश्मीर दुश्मनों की टेरिटेरी नहीं है।"
मुफ्ती ने कहा, "पीडीपी के कार्यकर्ताओं को काफी कुछ झेलना पड़ा लेकिन उन्होंने उफ तक नहीं किया। मेरी लिए कोई भी शॉकिंग नहीं है। घाटी में शांति बनाने के लिए हमारी कोशिश जारी रहेगी। बीजेपी के आने से मुसलमान काफी हद तक असहज हो गए थे।"
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