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शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सुनवाई के लिए माहौल ठीक नहीं, सार्वजनिक सड़क विरोध प्रदर्शन की जगह नहीं

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 26, 2020 12:29 IST

दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 70 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कालिंदी कुंज सड़क को पिछले 70 दिनों से बंद किया है। 

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ठळक मुद्दे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी थी।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए माहौल ठीक नहीं है। मामले को टालते हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने आज (26 फरवरी) नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन पर सुनवाई को टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सड़क विरोध प्रदर्शन के लिए नहीं है. अदालत ने टिप्पणी की कि अभी माहौल इस केस की सुनवाई के लिए ठीक नहीं है। कोर्ट कहा कि शाहीन बाग मुद्दे पर सुनवाई से पहले उदारता और स्थिति के शांत होने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त करने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि यह लीक से हटकर समाधान है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि "सार्वजनिक जगह" प्रदर्शन की  जगह नही होती है।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि आप पुलिस को डिमोरलाइज नहीं कर सकते हैं, इस समय हमारे पुलिस बल के कॉन्स्टेबल की मौत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी हम इस मामले में विचार नहीं करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए माहौल ठीक नहीं है। मामले को टालते हैं। 

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि वह हिंसा पर याचिकाओं पर विचार करके शाहीन बाग प्रदर्शनों के संबंध में दायर की गई अपीलों के दायरे में विस्तार नहीं करेगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा के संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई की है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से संबंधित याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय इस मामले पर विचार करेगा।

बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 70 दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कालिंदी कुंज सड़क को पिछले 70 दिनों से बंद किया है। 

 संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी थी। वार्ताकार नियुक्त की गईं वकील साधना रामचंद्रन ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के साथ न्यायमूर्ति एस. के. पॉल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ को रिपोर्ट सौंपी थी।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टशाहीन बाग़ प्रोटेस्टदिल्ली हिंसा
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