अनुच्छेद 370 पर बोले शाह- पटेल ने 630 रियासतों का भारत संघ में एकजुट किया, जो बचा वह मोदी जी कर दिया
By भाषा | Published: August 24, 2019 05:13 PM2019-08-24T17:13:58+5:302019-08-24T17:13:58+5:30
पटेल ने 630 रियासतों का भारत संघ में एकजुट किया और जो छूट गया था वह जम्मू-कश्मीर का पूर्ण विलय था। उन्होंने कहा, ‘‘सबको यही लगता रहा कि कुछ न कुछ छूट गया है।’’ उन्होंने कहा कि देश ने आतंकवाद, नशीला पदार्थ और साइबर अपराध समेत कई चुनौतियों का सामना किया है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के हटने से अब जम्मू कश्मीर भारत संघ का अभिन्न अंग हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संसद ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बना दिया है। शाह ने यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में परिवीक्षाधीन आईपीएस की पासिंग आउट परेड को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 के बने रहने के कारण भारत संघ में जम्मू कश्मीर का पूर्ण विलय नहीं हो पाया था।’’ देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि निजाम के शासन वाली पूर्ववर्ती हैदराबाद रियासत को एकीकृत करने के लिए पटेल के नेतृत्व में की गयी पुलिस कार्रवाई की बदौलत हैदराबाद भारत का हिस्सा बना।
HM Amit Shah at Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy in Hyderabad:I want to pay tributes to Sardar Patel; he united 630 princely states, only Jammu & Kashmir was left. Under PM Modi's leadership, article-370 has been abrogated & J&K fully integrated with rest of India pic.twitter.com/UIlmQd0zC8
— ANI (@ANI) August 24, 2019
उन्होंने कहा कि पटेल ने 630 रियासतों का भारत संघ में एकजुट किया और जो छूट गया था वह जम्मू-कश्मीर का पूर्ण विलय था। उन्होंने कहा, ‘‘सबको यही लगता रहा कि कुछ न कुछ छूट गया है।’’ उन्होंने कहा कि देश ने आतंकवाद, नशीला पदार्थ और साइबर अपराध समेत कई चुनौतियों का सामना किया है और राष्ट्र तब तक विकसित नहीं बन सकता है जब तक कि वह आंतरिक रूप से सुरक्षित नहीं हो।
उन्होंने देश को पांच हजार अरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने के मोदी द्वारा तय लक्ष्य को पाने की दिशा में कानून व्यवस्था एवं शांति की आवश्यकता है। शाह ने युवा आईपीएस अधिकारियों से निर्भीक होकर संविधान की आत्मा के अनुरूप काम करने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अनुरूप निर्भय होकर काम करना आईपीएस अधिकारी की सबसे बड़ी विशेषता होगी।’’ निर्वाचित प्रतिनिधियों और नौकरशाहों दोनों को ही संविधान एवं देश की सेवा का अवसर मिलता है। लेकिन अंतर बस यही है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों को पांच साल बाद फिर से जनादेश लेना होता है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 92 परिवीक्षाधीन अधिकारियों के बैच में 12 महिलाएं शामिल हैं। बैच में11 विदेशी अधिकारियों में रॉयल भूटान पुलिस के छह और नेपाल पुलिस के पांच अधिकारी शामिल हैं।