सेक्स स्कैंडल मामला: प्रज्वल रेवन्ना बिना वीजा के भारत से फरार, सरकार को क्यों जारी करना पड़ा ब्लू कॉर्नर नोटिस, यहां जानें
By आकाश चौरसिया | Updated: May 11, 2024 16:06 IST2024-05-11T15:20:22+5:302024-05-11T16:06:04+5:30
सेक्स स्कैंडल मामला: अपहरण और रेप के आरोपी प्रजव्ल रेवन्ना पर एक और केस दर्ज हो गया। लेकिन, इस बीच ये जानना जरूरी हो गया है कि आखिर इतने संगीन आरोप होने के बावजूदी कोई कैसे देश से भाग सकता है। आइए जानते हैं..

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
सेक्स स्कैंडल मामला: अपहरण और रेप के मुख्य आरोपी जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक और रेप का केस दर्ज हो गया है। प्रज्वल पर कई महिलाओं के कथित यौन शोषण के आरोप लगे हैं। हाल में एक महिला ने प्रज्वल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें सांसद पर अपहरण के साथ रेप का भी आरोप लगाया है। इस बीच ये भी जानना जरूरी हो जाता है कि कोई आरोपी बिना विजा के देश से कैसे बाहर जा सकता है। आइए एक-एक कर सभी चीजों के बारे में जानते हैं।
इसस पहले ये जान लें कि हाल में महिला ने पार्टी से निलंबित नेता और सांसद प्रज्वल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) (एन) [बार-बार बलात्कार करना], 376(2) (के) [एक लोक सेवक के रूप में बलात्कार करना], 354(ए), 354 बी (महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 सी (किसी महिला की सहमति के बिना किसी निजी कार्य में उसका वीडियो बनाना और 506 (आपराधिक धमकी) के अंतर्गत मामला दर्ज करवाया गया है।
रेप का केस दर्ज होने के बाद देश से भागे प्रज्वल रेवन्ना पर दर्ज हुए शोषण मामले के बीच वो देश से फरार हैं। आखिर इतनी बड़ी वारदात करने के बाद कैसे आरोपी फरार हो सकता है, इसी बात पर राजनियक पासपोर्ट बड़ा मुद्दा बन गया है। हालांकि, कर्नाटक सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी राजनयिक छूट रद्द करने का अनुरोध किया है, ताकि उन्हें भारत वापस लाकर पूछताछ की जा सके। प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के पोते हैं।
राजनयिक पासपोर्ट क्या है? राजनयिक पासपोर्ट, जो अपने मैरून कवर से पहचाने जाते हैं, नियमित पासपोर्ट से से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उनके विशेषाधिकारों और छूट में भिन्न होते हैं।
विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी, राजनयिक पासपोर्ट इन व्यक्तियों को दिए जाते हैं- राजनयिक स्थिति या राजनयिक स्थिति वाले व्यक्ति आधिकारिक क्षमताओं में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें ये जारी किया जाता है।
-सरकारी नियुक्तियां- जिन्हें सरकार द्वारा विदेश में आधिकारिक व्यवसाय के लिए नियुक्त किया जाता है
-वरिष्ठ अधिकारी- भारतीय विदेश सेवा (IFS) के संयुक्त सचिव रैंक और उससे ऊपर के वरिष्ठ अधिकारी
-परिवार के सदस्य- IFS और MEA अधिकारियों के रिश्तेदार
-चयनित व्यक्ति- इस श्रेणी में आधिकारिक सरकारी यात्रा करने वाले केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं
राजनयिक पासपोर्ट 5 साल या उससे कम के लिए वैध होते हैं, वैधता अक्सर धारक के कार्यालय की अवधि से जुड़ी होती है। राजनयिक पासपोर्ट धारकों को कुछ देशों में छूट का लाभ मिलता है।
प्रज्वल रेवन्ना के मामले ने 2011 में स्थापित जर्मनी के साथ भारत के वीजा छूट समझौते को उजागर किया है। यह समझौता भारतीय राजनयिक पासपोर्ट धारकों को 90 दिनों तक बिना वीजा के जर्मनी की यात्रा करने की अनुमति देता है। हालांकि, वीजा छूट के बावजूद, राजनयिक पासपोर्ट वाले व्यक्तियों को अभी भी विदेश में निजी यात्राओं के लिए पूर्व राजनीतिक मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
ब्लू कॉर्नर नोटिस क्या है?
यह नोटिस इंटरपोल के रंग-कोडित नोटिस का एक हिस्सा है, जो उस विशेष देश को दुनिया भर में जानकारी के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सक्षम बनाता है। वे सहयोग या अलर्ट के लिए अंतर्राष्ट्रीय अनुरोध है, जो सदस्य देशों की पुलिस को महत्वपूर्ण अपराध-संबंधी जानकारी साझा करने की अनुमति देते हैं।
नोटिस सात प्रकार के होते हैं- लाल, पीला, नीला, काला, हरा, नारंगी और बैंगनी। आपराधिक जांच में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र करने के लिए नीला नोटिस दिया जाता है। ऐसे में नोटिस से प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ जांच एजेंसियों की पूछताछ को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।