नई दिल्ली: बीती पांच जुलाई को अरुणाचल प्रदेश में सीमा सड़क संगठन की एक परियोजना में काम कर रहे 19 मजदूर अचानक गायब हो गए थे। कोलोरियांग जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर स्थित अपने कैंप से ये मजदूर बिना किसी सूचना के लापता हो गए थे जिसके बाद हड़कंप मच गया था। इसकी सूचना 13 जुलाई को सीमा सड़क संगठन के एक ठेकेदार ने कुरुंग कुमे जिले के अधिकारियों को दी। इन मजदूरों की तलाश बड़े स्तर पर खोजी अभियान चलाया गया।
अब खोजी अभियान के बाद अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले से लापता हुए असम के 19 निर्माण मजदूरों में से सात का पता लगा लिया गया है और उन्हें बचा लिया गया है। भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर खोज और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। बचाए गए सात मजदूरों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है। ये मजदूर क्यों और किन परिस्थितियों में अपने कैंप से लापता हुए इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आ सकी है। बाकी की तलाश अभी जारी है।
छुट्टी के लिए भागने का शक
अभी तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा है कि असम के मजदूर क्यों गायब हुए थे। ऐसी आशंका थी कि ईद की छुट्टी न मिलने के कारण इन मजदूरों ने कैंप छोड़ने का फैसला लिया। मजदूरों के गायब होने की सूचना मिलने के बाद कुरुंग कुमे जिले के डीसी बेंगिया निघी ने कहा था कि यह एक दुर्गम और खतरनाक इलाका है और यहां से निकलने के लिए काफी मुश्किल जंगलों को पार करना होगा। अब जबकि सात मजदूरों को खोज लिया गया है तब इस गुत्थी के सुलझ जाने की उम्मीद है कि आखिर ये मजदूर क्यों कैसे कैंप से गायब हुए थे। कुरुंग कुमे जिले के डीसी ने बताया कि इन मजदूरों को असम से लाया गया था और ये अरुणाचल में चीन की सीमा से सटे इलाके में सीमा सड़क संगठन की परियोजना में काम कर रहे थे।