लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीर में आईएसआईएस की बढ़ती पैठ से अलगाववादी परेशान

By सुरेश डुग्गर | Updated: September 20, 2018 19:44 IST

कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी और नर्मपंथी अलगाववादी नेता मीरवायज उमर फारूक के साथ ही जेकेएलएफ के यासीन मलिक एक स्वर में एक संयुक्त बयान में यह दोहराने लगे हैं कि कश्मीर का आंदोलन स्थानीय जनता का आंदोलन है।

Open in App

जम्मू, 20 सितंबर: तीस सालों से कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद की ज्वाला को भड़काने वाले आतंकियों और अलगाववादियों के लिए अब खतरा सुरक्षाबल नहीं बल्कि विश्व के खतरनाक आतंकी गुट आईएसआईएस के कदमों की चाप है। वे आईएस को कश्मीर से दूर रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं और उनकी यह कोशिश कहां तक कामयाब होगी यह अब समय ही बता पाएगा।

इस मुद्दे पर न सिर्फ कश्मीरी अलगाववादी नेता बल्कि आतंकवादी गुट भी बार-बार यह यकीन दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि कश्मीर का आंदोलन पूरी तरह से स्वदेशी और स्थानीय है। वे कहते हैं कि कश्मीर में जो आंदोलन छेड़ा गया है वह कश्मीर की आजादी की खातिर है और उसमें आईएस तथा अल-कायदा की कोई भूमिका न कभी थी और न ही कभी होगी।

यह सच है कि जब-जब आईएस ने कश्मीर को लेकर अपनी योजना का खुलासा किया, कश्मीरी अलगाववादी नेताओं की परेशानी बढ़ गई। वे जानते थे कि अगर उन्होंने आईएस के प्रति एक भी शब्द बोला तो वह उनके आंदोलन के विरूद्ध जाएगा और भारतीय सरकार उसका लाभ इंटरनेशनल लेवल पर उठा लेगी।

पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इसे स्वीकार करने को राजी नहीं हैं। वह इसके सबूत पेश कर रही हैं कि कश्मीरी युवकों का रूझान आईएस की ओर बढ़ा है। कश्मीरी युवक आईएस को ‘न्यौता’ भी दे रहे हैं कश्मीर में आने का। अगर आईएस के प्रति मिलने वाली खबरों को देखें तो कश्मीर के लिए भी आईएस अपनी योजना का खुलासा बहुत पहले कर चुका है।

अधिकारियों के बकौल, भारत में पांव फैलाने की खातिर आईएस के लिए कश्मीर सबसे अहम और नाजुक मुद्दा है। वह इसी रास्ते से भारत में घुसपैठ में कामयाब हो सकता है। यह बात अलग है कि अलगाववादी नेता भारतीय एजेंसियों के ऐसे सभी रहस्योदघाटनों को कश्मीर के आंदोलन को बदनाम करने की चाल बताते हैं।

कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी और नर्मपंथी अलगाववादी नेता मीरवायज उमर फारूक के साथ ही जेकेएलएफ के यासीन मलिक एक स्वर में एक संयुक्त बयान में यह दोहराने लगे हैं कि कश्मीर का आंदोलन स्थानीय जनता का आंदोलन है।

वे अपने संयुक्त बयान में कहते थे कि आईएस और अल कायदा का इस आंदोलन से न कोई संबंध है और न ही हम चाहेंगें की वे इस ओर आएं। यह बयान उस समय आया जब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले हफ्ते आईएस के कश्मीर के प्रति ताजा योजना का खुलासा करते हुए बताया था कि उन्होंने कश्मीरी युवकों और आईएस के आतंकियों के बीच होने वाली बातचीत तथा व्हाट्सएप्प चैट को डिकोड किया है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीर समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत