बिहार में अब वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों को सौंपी गई शराब की गंध को पता लगाने की जिम्मेवारी, अपराध नियंत्रण का काम हुआ सेकेंडरी

By एस पी सिन्हा | Updated: December 17, 2021 14:51 IST2021-12-17T14:49:00+5:302021-12-17T14:51:34+5:30

बिहार में अधिकतर आला पुलिस पदाधिकारियों को अब शराब की गंध का पता लगाने की जिम्मेवारी सौंप दी गई है। जबकि राज्य में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा बढोतरी देखी जा रही है।

Senior cops plan strategy to check liquor smuggling in Bihar | बिहार में अब वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों को सौंपी गई शराब की गंध को पता लगाने की जिम्मेवारी, अपराध नियंत्रण का काम हुआ सेकेंडरी

बिहार में अब वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों को सौंपी गई शराब की गंध को पता लगाने की जिम्मेवारी, अपराध नियंत्रण का काम हुआ सेकेंडरी

Highlightsइन दिनों केवल शराबबंदी को लेकर सख्त दिख रही राज्य की पुलिसपुलिस के आला अफसरों को दी गई है शराब पर नकेल कसने की जिम्मेवारी

पटना: बिहार में सरकार का ध्यान कानून-व्यवस्था की स्थिती को नियंत्रित किये जाने से ज्यादा शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराने को लेकर है। शायद यही कारण है कि बिहार में अधिकतर आला पुलिस पदाधिकारियों को अब शराब की गंध का पता लगाने की जिम्मेवारी सौंप दी गई है। जबकि राज्य में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा बढोतरी देखी जा रही है। राज्य के अन्य इलाकों की बात अगर छोड दें तो राजधानी पटना में अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

राज्य में सरकार इन दिनों केवल शराबबंदी को लेकर सख्त दिख रही है। पुलिस गली-मुहल्लों और गांव-गांव शराब की गंध सूंघती दिख जाती है। यही कारण है कि सरकार ने नौ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को अब शराब के गंध का पता लगाने की नई जिम्मेदारी सौंपी है। अब हर रेंज के अधिकारी शराब के गंध का पता लगायेंगे। 

इसमें एडीजी जितेंद्र कुमार को पटना सेंट्रल की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि सुशील एम खोपडे को शाहाबाद इलाके में शराब की महक का पता लगाना है और उसे बंद कराना है। उसी तरह से निर्मल कुमार आजाद को मगध क्षेत्र में शराब के गंध का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। उसी तहर से कमल किशोर को पूर्णिया क्षेत्र की जिम्मेवारी दी गई है।

जबकि अनिल किशोर बेगूसराय जिले पर नजर रखेंगे। वहीं पारसनाथ को मुंगेर और राकेश अनुपम को पूर्णिया-भागलपुर रेंज में शराब पर पैनी नजर रखे जाने की जिम्मेवारी दी गई है। उसी तरह से एम आर नायक को कोसी रेंज और बच्चू सिंह मीणा को मिथिला रेंज की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इन अधिकारियों को शराबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

ये लोग अपने-अपने क्षेत्रों में शराब की गंध का पता लगाएंगे कि किस जगह से इसकी महक आ रही है। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि जिन पुलिस पदाधिकारियों को पहले कानून-व्यवस्था और अपराधियों पर अंकुश लगाने की जिम्मेवारी थी,अब वे लोग शराब के पीछे भागते नजर आ रहे हैं। जबकि नियमानुसार उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में हजारों अधिकारियों को इसी के लिए बहाल किया जाता रहा है।

लेकिन अब उस विभाग के साथ पुलिस को इसकी जिम्मेवारी सौंप कर अपराध नियंत्रण को सेकेंडरी कर दिया गया है, जबकि पुलिस की प्राथमिकता अपराध नियंत्रण को लेकर होनी चाहिए, जिसका परिणाम यह है कि पुलिस शराब के पीछे भागती है और अपराधी बेखौफ होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में मशगूल दिखने लगे हैं।

Web Title: Senior cops plan strategy to check liquor smuggling in Bihar

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