भारत की सामरिक स्वायत्तता को बनाये रखने के लिए रक्षा उपकरण उत्पादन में आत्मनिर्भरता अहम: राजनाथ

By भाषा | Updated: February 5, 2021 16:24 IST2021-02-05T16:24:08+5:302021-02-05T16:24:08+5:30

Self-reliance is important in defense equipment production to maintain India's strategic autonomy: Rajnath | भारत की सामरिक स्वायत्तता को बनाये रखने के लिए रक्षा उपकरण उत्पादन में आत्मनिर्भरता अहम: राजनाथ

भारत की सामरिक स्वायत्तता को बनाये रखने के लिए रक्षा उपकरण उत्पादन में आत्मनिर्भरता अहम: राजनाथ

बेंगलुरु, पांच फरवरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सामरिक स्वायत्तता को बनाये रखने के लिए रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना महत्वपूर्ण है।

रक्षा मंत्री ने अधिकारियों से आइडेक्स (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवोन्मेष)के तहत स्टार्ट-अप संस्थाओं को मिलने वाले अनुदान को भी बढ़ाने को कहा।

सिंह ने कहा, ‘‘मैंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत से बात की थी और उन्होंने भी इस बात पर चिंता जताई थी कि हमारे आईडेक्स स्टार्ट-अप के लिए राशि बहुत कम है। सचिव रक्षा उत्पादन और सचिव रक्षा देखें कि यह किस तरह बढ़ सकती है। मुझे लगता है कि यह बहुत कम है।’’

बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2021 में ‘स्टार्टअप मंथन’ को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की सामरिक स्वायत्तता के लिए रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘आईडेक्स पहल हमारे देश में तैयार एक बहुत प्रभावी और अच्छी तरह क्रियान्वित रक्षा स्टार्ट-अप प्रणाली है। मेरा मानना है कि यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की सच्ची भावना में आत्म-निर्भरता हासिल करने की दिशा में निर्णायक कदम है।’’

आईडेक्स पहल की शुरुआत अप्रैल 2018 में हुई थी। इसका उद्देश्य मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम (एमएसएमई), स्टार्ट-अप, नवोन्मेषक, अनुसंधान और विकास संस्थान आदि की साझेदारी के साथ रक्षा और एयरोस्पेस में आत्म-निर्भरता प्राप्त करना तथा नवोन्मेष एवं प्रौद्योगिकी विकास को मजबूत करना है।

सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत के बाद यह अभियान पूरी तरह सफल रहा है और आज 41,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं और इनमें 4.7 लाख लोगों को नौकरियां मिली हैं।

उन्होंने कहा कि ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना के माध्यम से 384 स्टार्ट-अप में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

सिंह ने कहा कि ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि देश की अर्थव्यवस्था को जल्द ही ये स्टार्ट-अप संचालित करेंगे। सरकार इस बात को लेकर पूरी तरह सचेत है कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में हाल ही में प्रवेश करने की वजह से स्टार्ट-अप पर अतिरिक्त जोर देना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इस मकसद से हमने निजी उद्योगों के इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और मजबूती प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि एयरोस्पेस क्षेत्र में ही इस समय 300 से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं और आईडेक्स के तहत 10 स्टार्ट-अप ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पाद विकसित किये हैं जिनका एयरो इंडिया 2021 में प्रदर्शन किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि एयरो इंडिया में भाग लेने वाले 45 एमएसएमई को 203 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिल चुका है। यह बहुत अच्छी खबर है और मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यह और बढ़ेगा।

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