वैष्णो देवी की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, आतंकियों से तीर्थस्थान आने वाले श्रद्धालुओं की हिफाजत बनी चुनौती
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 27, 2023 01:33 PM2023-09-27T13:33:40+5:302023-09-27T13:38:17+5:30
वैष्णो देवी तीर्थस्थान के आसपास हाइब्रिड आतंकियों तथा ओजीडब्ल्यू की गिरफ्तारियों के साथ हथियारों व गोला बारूद की बरामदगी से सुरक्षा बलों में बढ़ी बेचैनी
जम्मू: वैष्णो देवी का तीर्थस्थान जिस रियासी जिले में है, वहा लिथियम के भंडार की खोज हुई है और इसके साथ ही हाइब्रिड आतंकियों तथा ओजीडब्ल्यू की गिरफ्तारियों के साथ हथियारों व गोला बारूद की बरामदगी से सुरक्षा बलों में वैष्णो देवी के तीर्थस्थान की सुरक्षा और आने वाले श्रद्धालुओं के हिफाजत की चिंता बढ़ गई है।
पिछले साल अगस्त महीने में रियासी से जो आतंकी गिरफ्तार हुए और उनकी निशानदेही पर जो स्टिकी बम बरामद हुए, वे इस चिंता को और बढ़ा रहे हैं कि क्योंकि आतंकियों ने दावा किया था कि स्टिकी बमों की खेप यात्रा को नुकसान पहुंचाने के लिए इकट्ठा की गई थी। इस संबंध में पुलिस के बड़े अधिकारियों ने कई सुरक्षा समीक्षा बैठकें की, जिसमें उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नवरात्रों में वैष्णाो देवी की यात्रा को स्टिकी बमों से बचाना भी एक भारी चुनौती होगी।
ऐसे में कटड़ा कस्बे और जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे के दोमेल से कटड़ा तक जाने वाले राजमार्ग पर भी अतिरिक्त जवानों की तैनाती का प्लान तैयार करते हुए प्रशासन से अतिरिक्त सैंकड़ों जवानों की मांग की गई है। इसके साथ ही भीड़ में छुपे संदिग्धों पर कड़ी नजर की खातिर ड्रोन भी तैयार किए जा रहे हैं।
वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा को फूल प्रूफ बनाने की खातिर इलाके के ओजीडब्ल्यू की लिस्ट बनाने, सोशल मीडिया पर संदिग्ध पैटर्न पर नजर रखने के अतिरिक्त उन सभी सूचनाओं को गंभीरता से लेने के लिए जोर दिया जा रहा है, जिनमें वैष्णो देवी की सुरक्षा के प्रति कोई भी चाहे छोटी ही बात क्यों न कही गई हो।
अधिकारियों के बकौल, वैष्णो देवी की यात्रा में शिरकत करने वाले श्रद्धालु हमेशा ही आतंकियों के टारगेट पर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि यात्रा को निशाना बना वे प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को पटरी से नीचे उतार सकते हैं।
जानकारी के लिए पिछले साल 13 मई को वैष्णो देवी के बेस कैंप कटड़ा में चलती यात्री बस में सवार वे लोग बदकिस्मत निकले थे जिन्हें स्टिकी बम के धमाके ने अपनी चपेट में ले लिया तो पांच की मौत हो गई। बीस से अधिक जख्मी हो गए थे। कई दिनों तक पुलिस इसे इंजन में हुआ धमाका बताती रही थी तो बाद में आतंकी गुट जम्मू कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स द्वारा वीडियो जारी कर इस धमाके की जिम्मेदारी ली गई तो पुलिस ने मान लिया कि धमाका स्टिकी बम से किया गया था।
ऐसा ही एक अन्य धमाका पिछले ही साल 9 मार्च को उधमपुर में ही उपायुक्त के कार्यालय के बाहर एक रेहड़ी पर हुआ था जिसमें दो की मौत हो गई थी। तब भी इस धमाके को गैस सिलेंडर का विस्फोट बताया गया था पर बाद में जांच से पता चला कि धमाकों के लिए स्टिकी बमों का इस्तेमाल किया गया था।
फिर 5 जुलाई 2022 को रियासी से पकड़े गए लश्कर आतंकी की निशानदेही पर बरामद दर्जनभर स्टिकी बमों की बरामदगी कोई बड़ी खबर नहीं मानी गई थी। जबकि चौंकाने वाली और दहशतजदा करने वाली खबर यह थी कि ऐसे दर्जनों स्टिकी बमों की प्रदेश में भरमार है जिनका मुख्य निशाना टूरिस्ट व वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होने वाले हैं।