देश में राजनीतिक सुविधा के लिए धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल किया गया : नकवी

By भाषा | Updated: October 3, 2021 15:01 IST2021-10-03T15:01:13+5:302021-10-03T15:01:13+5:30

Secularism used for political convenience in the country: Naqvi | देश में राजनीतिक सुविधा के लिए धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल किया गया : नकवी

देश में राजनीतिक सुविधा के लिए धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल किया गया : नकवी

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि देश में अधिकांश समय तक सत्ता सुख भोगने वाले राजनीतिक दलों ने धर्मनिरपेक्षतावाद को अपनी सियासी सुविधा का साधन बनाकर ‘‘बांटो और राज करो’’ का रास्ता अपनाया।

भारतीय बौद्ध संघ द्वारा आयोजित ‘‘सामाजिक समरसता एवं महिला सशक्तिकरण तथा पंडित दीनदयाल स्मृति सम्मान कार्यक्रम’’ को यहां संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसी तमाम ‘‘साजिशों’’ के बावजूद भारतीय संस्कृति, संस्कार और संविधान ने किसी भी परिस्थिति में अनेकता में एकता की डोर कमजोर नहीं होने दी।

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘समावेशी विकास के रास्ते में कई बाधाएं आयी लेकिन विविधता में एकता की हमारी ताकत ने देश को समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने से रुकने नहीं दिया।’’

उन्होंने कहा कि लोग आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं लेकिन उन्हें ‘‘बंटवारे की विभीषिका’’ भी याद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह याद रखना चाहिए कि बंटवारे की विभीषिका के लिए कौन जिम्मेदार था। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि लोगों ने अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों के लिए भारत के हितों की बलि देने की साजिश की थी।’’

नकवी ने कहा कि भगवान बुद्ध का आध्यात्मिक मानवतावाद एवं कर्म प्रधान जीवन का सार्थक संदेश आज भी मानवता के लिए सशक्त सीख है।

उन्होंने कहा कि सैकड़ों भाषाएं, धर्म, क्षेत्र, जीवन शैलियां होने के बावजूद भारत अपनी संस्कृति, संस्कार और मजबूत संवैधानिक मूल्यों के कारण एकजुट है।

उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में मोदी सरकार ने संवैधानिक मूल्यों के संकल्प के साथ समावेशी सशक्तिकरण के लिए काम किया है। उसने अल्पसंख्यकों समेत समाज के सभी वर्गों का ‘‘सम्मान के साथ सशक्तिकरण’’ सुनिश्चित किया है।

एक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और जॉन बारला, भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल और शिक्षा, समाज, संस्कृति, स्वास्थ्य तथा अन्य वर्गों के कई अन्य धार्मिक नेता भी इस मौके पर उपस्थित रहे।

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Web Title: Secularism used for political convenience in the country: Naqvi

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