राजस्थान: कोटा में आगामी त्योहारों और फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर धारा 144 लागू, 22 मार्च से 21 अप्रैल तक निषेधाज्ञा
By रुस्तम राणा | Published: March 21, 2022 08:50 PM2022-03-21T20:50:04+5:302022-03-21T21:15:37+5:30
आदेश में कहा गया है कि आगामी दिनों में आयोजित होने वाले सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील त्योहारों एवं सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जा रही द कश्मीर फाइल्स फिल्म के मद्देनजर कोटा जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 को लागू की जा रही है।
कोटा: राजस्थान के कोटा में चर्चित बॉलीवुड फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर धारा 144 को लागू कर दिया गया है। कोटा के जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। यहां 22 मार्च से 21 अप्रैल 2022 तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी। कार्यालय जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कोटा की ओर से यहां पर धारा 144 को लागू किया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक को इस आदेश से जिला प्रशासन द्वारा अवगत कराया गया है। आदेश में कहा गया है कि आगामी दिनों में आयोजित होने वाले सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील त्योहारों चेटीचंड जयंती, श्री महावीर जयंती, गुड फ्राइडे, बैशाखी आदि एवं सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जा रही द कश्मीर फाइल्स फिल्म के मद्देनजर कोटा जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए समय रहते भीड़ के एकत्रीकरण, धरने प्रदर्शन और जूलूस आदि पर रोक लगाया जाना आवश्यक है।
Rajasthan | Section 144 will be imposed in Kota from tomorrow, March 22, till April 21, in view of maintaining law & order with the screening of 'The Kashmir Files': Kota District Collector & District Magistrate pic.twitter.com/iSJXC1ud8B
— ANI (@ANI) March 21, 2022
आदेश के अनुसार, जिलें में कोई व्यक्ति अनाधिकृत रूप से विस्फोटक सामग्री, घातक रासायनिक एवं अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ नहीं रख सकता है और न ही इसका प्रयोग करेगा। जिले में कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे किसी भी अनावश्यक तथ्यों को आदान-प्रदान नहीं करेगा, जिससे जिले की शांति व्यवस्था भंग होती हो। कोई व्यक्ति ऐसी कोई अफवाह भी नहीं फैलाएगा जिससे कि कानून-व्यवस्था बिगड़ती हो। जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि यदि कोई इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर भाजपा और गैर-भाजपा दलों में सियासत भी खूब हो रही है। नब्बे दशक में हुए कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन उनके नरसंहार बनी इस फिल्म को जहां भाजपा देखने के लिए प्रमोट कर रही है तो वहीं गैर भाजपाई दल इस फिल्म को बीजेपी का प्रोपेंडा बताकर फिल्म पर संप्रदाय विभाजन का आरोप लगा रहे हैं।