कर्नाटक: ST/SC समुदायों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को शामिल करने में देरी को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल, राजभवन तक करेगी मार्च

By रुस्तम राणा | Published: March 23, 2023 04:24 PM2023-03-23T16:24:27+5:302023-03-23T16:27:42+5:30

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, “केंद्र सरकार ने कहा कि उन्हें (राज्य से) कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। जब कोई प्रस्ताव नहीं है तो साफ है कि बीजेपी ने दलित समुदाय को धोखा दिया है।”

SC/ST quota hike Karnataka Cong to hold ‘Raj Bhavan Chalo’ over delay in inclusion under Schedule 9 | कर्नाटक: ST/SC समुदायों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को शामिल करने में देरी को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल, राजभवन तक करेगी मार्च

कर्नाटक: ST/SC समुदायों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को शामिल करने में देरी को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल, राजभवन तक करेगी मार्च

Highlightsइस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को "राजभवन चलो" का आयोजन करने का फैसला कियाकांग्रेस का आरोप- आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के वादे के बावजूद, राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव नहीं सौंपाकर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा- बीजेपी ने दलित समुदाय को धोखा दिया

बेंगलुरु: संविधान की नौवीं अनुसूची में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को शामिल करने में देरी सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच चुनावी राज्य कर्नाटक में एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है, जिसमें कांग्रेस ने शुक्रवार को "राजभवन चलो" का आयोजन करने का फैसला किया है। 

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि भाजपा द्वारा एससी/एसटी समुदायों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के वादे के बावजूद, राज्य सरकार ने अभी तक केंद्र को प्रस्ताव नहीं सौंपा है। उन्होंने कहा है कि “भाजपा ने दलित समुदाय को धोखा दिया है। हम राजभवन के सामने इसका विरोध करेंगे।”

शिवकुमार ने कहा, “केंद्र सरकार ने कहा कि उन्हें (राज्य से) कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। जब कोई प्रस्ताव नहीं है तो साफ है कि बीजेपी ने दलित समुदाय को धोखा दिया है।” बता दें कि कर्नाटक सरकार ने अक्टूबर 2022 में अनुसूचित जाति समुदायों के लिए आरक्षण 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए तीन प्रतिशत से सात प्रतिशत करने का फैसला किया था। उसी महीने और राज्य में एक अध्यादेश भी जारी किया गया था। विधायिका ने दिसंबर 2022 में विधायिका के शीतकालीन सत्र के दौरान इसे प्रभावी करने के लिए एक विधेयक पारित किया ।

ऐसे में अब कर्नाटक में प्रस्तावित आरक्षण की कुल मात्रा को 56 प्रतिशत कर दिया था। बोम्मई ने कहा था कि अगर संविधान की अनुसूची 9 के तहत वृद्धि को शामिल किया गया तो निर्णय कानूनी संरक्षण का आश्वासन दिया जाएगा। कांग्रेस नेता ने पूछा, “संसद सत्र चल रहा है। भाजपा सरकार ने नौवीं अनुसूची में (बढ़ा हुआ आरक्षण) शामिल करने के लिए संशोधन क्यों नहीं किया? केपीसीसी प्रमुख ने कहा कि राज्य कांग्रेस के नेता राज्यपाल से मिलेंगे और उनसे बोम्मई सरकार को भंग करने का आग्रह करेंगे।

हालांकि, इस बीच मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि राज्य सरकार हाल के राज्य सरकार के फैसले के अनुसार समुदायों को लाभ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और कांग्रेस के पास इस मुद्दे पर बात करने का कोई "नैतिक या राजनीतिक अधिकार" नहीं है। सीएम ने कांग्रेस की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि जब वे सत्ता में थे तो पार्टी ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, "उनके पास इस बारे में बात करने का कोई नैतिक या राजनीतिक अधिकार नहीं है।"


 

Web Title: SC/ST quota hike Karnataka Cong to hold ‘Raj Bhavan Chalo’ over delay in inclusion under Schedule 9

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