वैज्ञानिकों ने कहा : कोविड के नए स्वरूप को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं

By भाषा | Published: December 29, 2020 07:08 PM2020-12-29T19:08:37+5:302020-12-29T19:08:37+5:30

Scientists said: no need to worry about the new form of Kovid | वैज्ञानिकों ने कहा : कोविड के नए स्वरूप को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं

वैज्ञानिकों ने कहा : कोविड के नए स्वरूप को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं

(शकूर राठेर)

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर वैज्ञानिकों ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन से आए लोगों में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर काबू के लिए मास्क, सैनेटाइजर, सामाजिक दूरी जैसे मानक बचाव तंत्र प्रभावी होंगे। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि नए स्वरूप को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है तथा यह नैदानिक ​​रूप से अधिक गंभीर नहीं है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन से हाल ही में लौटे छह लोगों में कोरोना वायरस के नए स्वरूप (यूवीआई-202012/01) का पता लगा है। इससे यह चिंता पैदा हो गयी कि इस बीमारी के खिलाफ भारत की लड़ाई और जटिल हो सकती है जबकि रोजाना नए मामलों की संख्या में कमी आ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान अस्पताल (निमहांस) में जांच के लिए आए तीन नमूनों, हैदराबाद स्थित कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) में दो नमूनों और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में एक नमूने में सार्स-सीओवी-2 के ब्रिटिश स्वरूप के जीनोम का पता लगा है।

कई वैज्ञानिकों ने चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि अब तक ऐसे कोई सबूत नहीं है कि वायरस का यह स्वरूप अधिक घातक है।

नयी दिल्ली स्थित सीएसआईआर-आईजीआईबी संस्थान के निदेशक अनुराग अग्रवाल उनमें से एक हैं।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, '' सतर्क रहना और अच्छी आदतों का पालन करना (नए स्वरूप के संदर्भ में) पर्याप्त होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वायरस के नए प्रकार की पहचान सबसे पहले ब्रिटेन में की गयी और उसने नए स्वरूप के अधिक गंभीर होने के संबंध में कोई नैदानिक ​​संकेत नहीं दिया है।

यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) ने कहा है कि 19 दिसंबर को ब्रिटेन द्वारा शुरू किए गए प्रारंभिक ‘मॉडलिंग’ परिणामों से पता चलता है कि नया प्रकार पहले की अपेक्षा 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। हालांकि, उसने यह भी कहा कि अधिक संक्रमण गंभीरता का कोई संकेत नहीं है।

विषाणु विज्ञानी उपासना रे भी इस आकलन से सहमत थीं कि चिंता करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि इस संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं है कि नया स्वरूप अधिक घातक है।

सीएसआईआर-आईआईसीबी कोलकाता की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने यह भी कहा, "यह कहा गया है कि संक्रमण दर अधिक है। लेकिन इस संबंध में प्रयोगशाला आधारित कोई साक्ष्य नहीं हैं।"

रे ने कहा कि यात्रा पर प्रतिबंध पहले ही सुझाया जा चुका है और ब्रिटेन से आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए परीक्षण की सिफारिश की गई है।

रे ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कदम मास्क का उपयोग सहित अन्य बुनियादी सावधानियों को लागू करना है।

सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसका अब तक पता नहीं चल पाया है कि नए प्रकार से बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वर्तमान टीका वायरस के नए स्वरूप से बचाव में नाकाम रहेगा।

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Web Title: Scientists said: no need to worry about the new form of Kovid

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