वैज्ञानिक मंगल में जीवन पर अनुसंधान की जगह जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें: सारंगी

By भाषा | Published: September 30, 2019 11:29 PM2019-09-30T23:29:42+5:302019-09-30T23:29:42+5:30

संस्थान की ओर से जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि दुनिया में आज सबसे ज्यादा सद्भावना, शांति और प्रेम की जरूरत है जो आध्यात्म से ही आएगी। यूरोप में विज्ञान और आध्यात्म में प्रतिस्पर्धा है।

Scientific research on life in Mars instead of research on whether there is Mars in life: Sarangi | वैज्ञानिक मंगल में जीवन पर अनुसंधान की जगह जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें: सारंगी

वैज्ञानिक मंगल में जीवन पर अनुसंधान की जगह जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें: सारंगी

Highlightsजब अपने कर्तव्यों को करवाने के लिए कानून बनाना पड़े तो समझ जाइए कि हमारा राष्ट्रीय चरित्र क्या हो गया है। केंद्रीय मंत्री सारंगी ने कहा कि हमारी संस्कृति है कि कमजोर की रक्षा करें।

केंद्रीय राज्य पशुधन विकास मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी ने सोमवार को वैज्ञानिकों को सुझाव दिया कि वे मंगल में जीवन पर अनुसंधान करने की बजाय जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें। आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन परिसर में चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सारंगी ने कहा, ‘‘मैं वैज्ञानिकों को कहना चाहूंगा कि मंगल में जीवन पर अनुसंधान करने की बजाय जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें।’’

संस्थान की ओर से जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि दुनिया में आज सबसे ज्यादा सद्भावना, शांति और प्रेम की जरूरत है जो आध्यात्म से ही आएगी। यूरोप में विज्ञान और आध्यात्म में प्रतिस्पर्धा है। हमारे देश में विज्ञान और आध्यात्म साथ चलता है, एक-दूसरे के पूरक हैं। विज्ञान बहुत गहरी रिसर्च है, इससे हम भौतिक तरक्की कर रहे हैं पर खुद को जानना आध्यात्म है। हम दुनिया को तो जान रहें हैं पर खुद को नहीं जान रहे हैं।’’

सारंगी ने कहा कि हमारी संस्कृति है कि कमजोर की रक्षा करें। पहले पति, पत्नी के प्रति, बच्चे मां-बाप के प्रति अपने कर्तव्य का सहजता से पालन करते थे। आज के जमाने में बच्चे अपने माता-पिता के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभा रहे हैं, यही कारण है कि ऐसे कानून बनाने पड़ रहे हैं कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करें। जब अपने कर्तव्यों को करवाने के लिए कानून बनाना पड़े तो समझ जाइए कि हमारा राष्ट्रीय चरित्र क्या हो गया है।

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री डॉ. रानी बंग ने कहा कि आध्यात्मिकता से जीवन में अनेक प्रकार के संकटों का सामना करने की शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी गांवों में हिंसा नहीं होती, बलात्कार नहीं होते जबकि पढ़े-लिखे समाज में हिंसा और बलात्कार बढ़ रहे हैं इस पर गंभीर चिंतन की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय, मध्यप्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री सुखदेव फांसे ने भी सत्र को संबोधित किया और शांति और सद्भाव के क्षेत्र में कार्य कर रही ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्यो पर प्रकाश डाला।

Web Title: Scientific research on life in Mars instead of research on whether there is Mars in life: Sarangi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे