बिहार के इस जिले में चलाई जा रही स्वच्छता अभियान की अनूठी पहल, बच्चों से फीस की जगह स्कूल लेता है कचरा
By एस पी सिन्हा | Published: July 15, 2019 02:53 PM2019-07-15T14:53:38+5:302019-07-15T15:28:46+5:30
स्कूल संचालक मनोरंजन प्रसाद समदर्शी ने बताया कि बच्चों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है. उन्हें यूनिफॉर्म के साथ-साथ पाठ्य सामग्री भी स्कूल प्रबंधन द्वारा नि:शुल्क मुहैया करायी जाती है.
बिहार के बोधगया में एक स्कूल ने साफ-सफाई का एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है. जिसका परिणाम यह है कि उस इलाके के करीब दर्जन भर गांवों में एक भी कचरा नजर नहीं आता है. यहां के सेवा बिगहा गांव में संचालित पद्मपाणि स्कूल के बच्चे शिक्षण शुल्क के एवज में स्कूल में कचरे दिया करते हैं. जिसके चलते स्थिती यह है कि बच्चे तो पढते हीं हैं गांव भी साफ- सुथरा हो गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल आने के समय बच्चे रास्ते में पड़े प्लास्टिक और अन्य कचरे को साथ रखे थैले में रख लेते हैं और उसे स्कूल परिसर के बाहर रखे डस्टबिन में डाल देते हैं. बच्चों के इस कदम से स्कूल के आसपास के करीब आठ गांवों में बगैर किसी शोर-शराबा के अनूठे तरीके का स्वच्छता अभियान जारी है.
स्कूल संचालक मनोरंजन प्रसाद समदर्शी ने बताया कि बच्चों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है. उन्हें यूनिफॉर्म के साथ-साथ पाठ्य सामग्री भी स्कूल प्रबंधन द्वारा नि:शुल्क मुहैया करायी जाती है. स्कूल में आसपास के आठ गांवों के करीब 250 बच्चे पढाई करते हैं.
उन्होंने बताया कि स्वच्छता के प्रति बच्चों और बड़ों में जागरूकता को बढ़ावा देने को लेकर यह मुहिम शुरू की गई है. जमा सूखे कचरे को रिसाइक्लिंग करनेवाले या कबाड़ी वालों के पास बेच दिया जाता है. पिछले कुछ महीनों में 60 किलो से ज्यादा कचरा बेचे जा चुके है. साथ ही, आसपास के गांवों में अनूठे तरीके के स्वच्छता अभियान का असर भी दिखने लगा है.
इन स्कूली बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ प्रकृति के महत्व को भी सिखाया जाता है. इसका परिणाम यह है कि बच्चों को पढाई पर होने वाले खर्चों से अभिभावक वंचित तो हैं हीं गांवों की तस्वीर भी बदल गई है.