कोविड मरीजों के इलाज और शवों की दुर्दशा पर SC ने लिया स्वत:संज्ञान
By भाषा | Updated: June 12, 2020 05:48 IST2020-06-12T05:48:48+5:302020-06-12T05:48:48+5:30
अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के कथित मरीजों के क्षतविक्षत शवों को अंतिम संस्कार के लिए कोलकाता के नगर निकाय द्वारा वाहन में रखते हुए दिखाना वाला वीडियो बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। परंतु, अधिकारियों ने इस वीडियो को फर्जी बताया।

न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे ने कोविड-19 रोगियों और पीड़ितों के शवों को संभालने से संबंधित स्थिति पर ध्यान दिया
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने देश में कोविड-19 रोगियों के साथ अनुचित व्यवहार और पीड़ितों के शवों के अमर्यादित तरीके से निस्तारण संबंधी खबरों को लेकर बृहस्पतिवार को स्वत: संज्ञान लिया। न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे ने कोविड-19 रोगियों और पीड़ितों के शवों को संभालने से संबंधित स्थिति पर ध्यान दिया और मामले को न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ को सौंप दिया। पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह भी शामिल हैं। पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
बता दें कि अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के कथित मरीजों के क्षतविक्षत शवों को अंतिम संस्कार के लिए कोलकाता के नगर निकाय द्वारा वाहन में रखते हुए दिखाना वाला वीडियो बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। परंतु, अधिकारियों ने इस वीडियो को फर्जी बताया।
वीडियो में गरिया इलाके के लोगों का विरोध भी दिखाया गया है जो दावा कर रहे हैं कि ये शव कोरोना वायरस के मरीजों के हैं। यह घटना भी कथित रूप से इसी इलाके की है। यह घटना कथित रूप से इसी इलाके में हुई। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने वीडियो पर चिंता जाहिर की और राज्य के गृह सचिव से घटना के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी।
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता की पुलिस ने वीडियो को फर्जी बताया है और कहा कि वे एक अस्पताल के मुर्दाघर के लवारिस शव थे। विपक्षी माकपा और भाजपा ने भी सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि वीडियो इस बात का सबूत है कि टीएमसी सरकार कोविड-19 से होने वाली मौतों की सटीक संख्या को छुपा रही है।