'केरल लव जेहाद' मामला: सुप्रीम कोर्ट ने हादिया के विवाह को किया बहाल
By IANS | Published: March 9, 2018 12:09 AM2018-03-09T00:09:43+5:302018-03-09T00:09:43+5:30
इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने शाफिन जहां के विवाह को आमन्य करार दिया था।
नई दिल्ली, 8 मार्च: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को केरल उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए हादिया और शाफिन जहां के विवादास्पद विवाह को बहाल कर दिया। इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने दंपति के विवाह को आमन्य करार दिया था। हादिया पूर्व में एक हिंदू थी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, "हादिया उर्फ अखीला अशोकन को कानून के तहत अपनी आगे की जिंदगी जीने की आजादी है।"
अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले में आपराधिक पहलुओं की जांच जारी रख सकती है। अदालत ने कहा, "हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि एनआईए द्वारा आपराधिकता के संबंध में चल रही जांच कानून के मुताबिक जारी रहेगी।" लंच के बाद एक संक्षिप्त आदेश की घोषणा करते हुए प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने कहा कि दोनों के बीच विवाह को उच्च न्यायालय द्वारा रद्द नहीं किया जाना चाहिए था। न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विवाह को रद्द कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने कहा, "हमारा मानना है कि उच्च न्यायालय को शाफीन जहां और हादिया उर्फ अखीला अशोकन के विवाह को रद्द नहीं करना चाहिए था।" अदालत ने संदर्भ भी दिया कि 27 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष निजी तौर पर पेश हुई हादिया ने शाफीन जहां के साथ अपनी शादी को स्वीकारा था। शाफीन जहां ने ही उच्च न्यायालय के शादी रद्द करने के आदेश को चुनौती दी थी।