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जंतर-मंतर पर प्रदर्शन रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, शांतिपूर्ण तरीके से धरना करने की दी इजाजत

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: July 23, 2018 11:20 IST

जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने सुनवाई करते हुए जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी है।

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नई दिल्ली, 23 जुलाई: दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना और प्रदर्शन पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाया है। जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने सुनवाई करते हुए जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी है।

हाल ही में  मजदूर किसान शक्ति संगठन और अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सेंट्रल दिल्ली में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की इजाजत देने की मांग की थी। इसको लेकर याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि  साल 2017 अक्टूबर में एनजीटी ने जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी, जबकि पूरी सेंट्रल दिल्ली में दिल्ली पुलिस की ओर से हमेशा के लिए धारा 144 लगाई गई है। ऐसे में याचिका में संगठन ने सुझाया है कि इंडिया गेट के पास बोट क्लब पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक तौर पर इजाजत दी जा सकती है।

गौरबतल है साल 2017 में जमतर मंतर पर किसी भी तरह के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी। उस समय कहा गया था कि प्रदर्शन  स्थल प्रदर्शनकारियों के लिए जंग का मैदान बन गया है।इतना ही नहीं रोक लगाते हुए एनजीटी ने कहा था कि जंतर मंतर और उसके आस पास का इलाका प्रदर्शनकारियों द्वारा गंदगी फैलाने की स्थायी जगह बन गया है।

 प्रदर्शनकारियों के लगातार प्रदर्शन के कारण दिल्ली नगर पालिका सफाई में सफल रही है। इतना ही नहीं एनजीटी ने ये भी कहा था कि  प्रदर्शनकारियों द्वारा इस क्षेत्र का लगातार इस्तेमाल वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, 1981 समेत पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन है। ऐसे में एनजीटी के आदेश के खिलाफ मजदूर किसान शक्ति संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सेंट्रल दिल्ली में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की इजाजत देने की मांग की थी। जिसको आज कोर्ट ने मंजूर कर लिया है।

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