सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता की PIL पर सुनवाई से किया इंकार, लगा चुका है फटकार- कोर्ट में BJP का कैंपेन ना करें
By खबरीलाल जनार्दन | Published: July 30, 2018 12:30 PM2018-07-30T12:30:52+5:302018-07-30T12:30:52+5:30
कोर्ट ने अश्वीनी से ये सवाल पूछे थे कि क्या वे बीजेपी के लिए सुप्रीम कोर्ट में कैंपेन कर रहे हैं? क्या वह बार-बार हर मुद्दे पर जनहित याचिका दाखिल करने के लिए अपनी पार्टी से पैसे लेते हैं?
नई दिल्ली, 30 जुलाईः देश की उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जनहित याचिका के विशेषज्ञ नेता अश्वीनी उपाध्याय की याचिका पेड न्यूज से जुड़ी एक याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता को इस मामले को लेकर उचित फोरम में जाने को कहा।
उल्लेखनीय है कि अश्वीनी कुमार उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट पहले ही एक खास तरह की जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में डालने को लेकर फटकार लगा चुका है। अश्वीनी अभी तक मथुरा हिंसा मामले में सीबीआई जांच की मांग, चुनाव सुधार, सांसदों का दूसरा पेशा, राम रहीम के चुनाव लड़ने, आठ राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक दर्जा दिलाने, आधार को वोटर आईडी से जोड़ना, चुनाव लड़के के लिए आयोग्य हो जाने के बाद पार्टी पद से मुक्त करने, मौलिक कर्तव्यों के लागू करने, शराब बंदी जैसे मसलों सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालते रहे हैं।
Supreme Court today refused to hear a Public Interest Litigation (PIL) filed by BJP leader Ashwini Upadhyay against paid news. Court said 'you please go to the appropriate forum for this.'
— ANI (@ANI) July 30, 2018
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निर्देश देते हुआ बताया था कि अश्वीनी कुछ खास तरह की याचिकाएं बार-बार डालते हैं। उन्हें अपनी पार्टी के कैंपन के लिए कोर्ट का दरवाजा ना खटखटाने को कहा। तब उच्चतम न्यायालय ने उनसे कहा था कि बीजेपी प्रवक्ता को सुप्रीम कोर्ट को राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए।
तब कोर्ट ने अश्वीनी से ये सवाल पूछे थे कि क्या वे बीजेपी के लिए सुप्रीम कोर्ट में कैंपेन कर रहे हैं? क्या वह बार-बार हर मुद्दे पर जनहित याचिका दाखिल करने के लिए अपनी पार्टी से पैसे लेते हैं? क्या बीजेपी ने उन्हें हर मसले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने के लिए रखा है? अगर वे किसी पार्टी के प्रवक्ता हैं तो लगातार कोर्ट में क्या करते रहते हैं?
कोर्ट ने अश्वीनी कुमार से कहा कि उनकी पार्टी इस वक्त सत्ता में है। उन्हें ऐसी समस्याओं के लिए संबंधित मंत्रियों के पास जाना चाहिए। पेड न्यूज मामले में भी कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर उचित फोरम आवाज उठाने को कहा है।
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