बाल यौन शोषण मुकदमों पर SC सख्त- सभी जिलों में विशेष न्यायालय गठित करने का दिया निर्देश

By भाषा | Updated: July 25, 2019 15:25 IST2019-07-25T15:01:38+5:302019-07-25T15:25:37+5:30

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया कि पोक्सो के तहत मुकदमों की सुनवाई के लिये इन अदालतों का गठन 60 दिन के भीतर किया जाये।

SC order to child sexual abuse Lawsuit setting up special courts in all districts | बाल यौन शोषण मुकदमों पर SC सख्त- सभी जिलों में विशेष न्यायालय गठित करने का दिया निर्देश

बाल यौन शोषण मुकदमों पर SC सख्त- सभी जिलों में विशेष न्यायालय गठित करने का दिया निर्देश

Highlightsइन अदालतों में सिर्फ पोक्सो कानून के तहत दर्ज मामलों की ही सुनवाई होगी। पीठ ने केन्द्र को इस आदेश पर अमल की प्रगति के बारे में 30 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने और पोक्सो अदालतों के गठन और अभियोजकों की नियुक्ति के लिये धन उपलध कराने को कहा।

उच्चतम न्यायालय ने सभी जिलों में बाल यौन शोषण के मुकदमों के लिये केन्द्र से वित्त पोषित विशेष अदालतें गठित करने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया। ये अदालतें उन जिलों में गठित की जायेंगी जहां यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण कानून (पोक्सो) के तहत एक सौ या इससे अधिक मुकदमे लंबित हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया कि पोक्सो के तहत मुकदमों की सुनवाई के लिये इन अदालतों का गठन 60 दिन के भीतर किया जाये।

इन अदालतों में सिर्फ पोक्सो कानून के तहत दर्ज मामलों की ही सुनवाई होगी। पीठ ने कहा कि केन्द्र पोक्सो कानून से संबंधित मामलों को देखने के लिये अभियोजकों और सहायक कार्मिको को संवेदनशील बनाये तथा उन्हें प्रशिक्षित करे। न्यायालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसे सभी मामलों में समय से फॉरेन्सिक रिपोर्ट पेश की जाये। पीठ ने केन्द्र को इस आदेश पर अमल की प्रगति के बारे में 30 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने और पोक्सो अदालतों के गठन और अभियोजकों की नियुक्ति के लिये धन उपलध कराने को कहा।

देश में बच्चों के साथ हो रही यौन हिंसा की घटनाओं में तेजी से वृद्धि पर स्वतं: संज्ञान लेते हुये शीर्ष अदालत ने इस प्रकरण को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। न्यायालय ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि को न्याय मित्र नियुक्त करने के साथ ही शुरू में ऐसे मामलों का विवरण भी तलब किया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि बच्चों के बलात्कार के मामलों के और अधिक राष्ट्रव्यापी आंकड़े एकत्र करने से पोक्सो कानून के अमल में विलंब होगा।

पोक्सो से संबंधित मामलों की जांच तेजी से करने के लिये प्रत्येक जिले में फारेन्सिक प्रयोगशाला स्थापित करने संबंधी न्याय मित्र वी गिरि के सुझाव पर पीठ ने कहा कि यह इंतजार कर सकता है और इस बीच, राज्य सरकारें यह सुनिश्चत करेंगी कि ऐसी रिपोर्ट समय के भीतर पेश हो ताकि इन मुकदमे की सुनवाई तेजी से पूरी हो सके। न्यायालय इस मामले में अब 26 सितंबर को आगे सुनवाई करेगा। भाषा अनूप अनूप शोभना शोभना

English summary :
The bench of Chief Justice Ranjan Gogoi, Justice Deepak Gupta and Justice Aniruddha Bose instructed the Center to constitute these courts within 60 days to hear the cases under Poxo.


Web Title: SC order to child sexual abuse Lawsuit setting up special courts in all districts

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