सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को पीरियड्स में अवकाश की मांग वाली याचिका खारिज की, जानिए आदेश में क्या कहा

By रुस्तम राणा | Updated: July 8, 2024 15:04 IST2024-07-08T14:55:12+5:302024-07-08T15:04:45+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मासिक धर्म अवकाश महिलाओं को कार्यबल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, लेकिन इस तरह के अवकाश को अनिवार्य करने से महिलाओं को कार्यस्थलों से दूर रखा जा सकता है।

SC Dismisses Plea Seeking Menstrual Leave, Asks Centre To Hold Talks With Stakeholders | सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को पीरियड्स में अवकाश की मांग वाली याचिका खारिज की, जानिए आदेश में क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को पीरियड्स में अवकाश की मांग वाली याचिका खारिज की, जानिए आदेश में क्या कहा

HighlightsSC ने कहा कि मासिक धर्म अवकाश महिलाओं को कार्यबल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता हैशीर्ष कोर्ट ने कहा, इस तरह के अवकाश को अनिवार्य करने से महिलाओं को कार्यस्थलों से दूर रखा जा सकता है।अदालत ने केंद्र से सभी हितधारकों और राज्य सरकारों के साथ बातचीत करके यह तय करने को कहा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया और केंद्र से सभी हितधारकों और राज्य सरकारों के साथ बातचीत करके यह तय करने को कहा कि क्या इस संबंध में एक आदर्श नीति बनाई जा सकती है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अधिवक्ता शैलेंद्र त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका पर यह निर्देश पारित किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मासिक धर्म अवकाश महिलाओं को कार्यबल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, लेकिन इस तरह के अवकाश को अनिवार्य करने से महिलाओं को कार्यस्थलों से दूर रखा जा सकता है।

सीजेआई ने कहा, "कैसे यह अवकाश अधिक महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करता है और इस तरह के अवकाश को अनिवार्य करने से महिलाओं को कार्यबल से दूर रखा जा सकता है... हम ऐसा नहीं चाहते हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए हम जो कुछ भी करने की कोशिश करते हैं, वह उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है। यह वास्तव में एक सरकारी नीतिगत पहलू है और अदालतों को इस पर गौर नहीं करना चाहिए।" 

पीठ ने आगे कहा कि यह मामला एक नीतिगत निर्णय है, जिस पर केंद्र और राज्य सरकारें विचार कर सकती हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस याचिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत करें।
 

Web Title: SC Dismisses Plea Seeking Menstrual Leave, Asks Centre To Hold Talks With Stakeholders

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