भगवान हनुमान की जाति को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में अब केन्द्रीय मंत्री सतपाल सिंह ने बयान दिया है। सतपाल सिंह ने कहा, भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी।
राम राज में नहीं थी कोई जाति व्यवस्था
न्यूज एजेंसी एएनआई को सतपाल सिंह ने बताया, अगर आप वाल्मिकि रामायण और राम चरित्र मानस को पढ़ंगे तो आपको पता चलेगा कि उस समय को जाति व्यवस्था नहीं थी। कोई दलित, कोई वंचित और कोई शोषित नहीं था।
उन्होंने यह भी कहा, हनुमान जी आर्या था। इस बात को साबित किया है। उस समय आर्या जाति थी और हनुमान जी आर्या जाति के महापुरुष थे। बता दें कि सतपाल सिंह ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में ये बात कही।
सीएम योगी को भेजा गया कानूनी नोटिस
वहीं इस बात को लेकर सीएम योगी को नोटिस भी भेजा गया है। यूपी के एक संगठन सर्व ब्राह्मण समाज ने तो इस पर योगी को नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा है। समाज का कहना है कि बजरंग बली न तो दलित हैं, न वंचित और न ही लोकदेवता।
सर्व ब्राह्मण समाज ने कहा- योगी जल्द मांगे माफी
समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने अपने वकील के जरिए भेजे नोटिस में योगी आदित्यनाथ से इस मामले में माफी मांगने को कहा है और तीन दिन में ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में राज्य में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे योगी आदित्यनाथ ने मालाखेड़ा अलवर में कहा था कि 'बजरंग बली ऐसे लोकदेवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं दलित हैं वंचित हैं।'
इससे नाराज ब्राह्मण समाज ने नोटिस में कहा है कि हनुमान भगवान हैं । उन्हें वंचित और लोकदेवता बताना न केवल उनका बल्कि लाखों हनुमान भक्तों का अपमान है ।