ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर संजय सिंह बोले- सब बीजेपी का किया-धरा
By शिवेंद्र राय | Published: December 28, 2022 05:01 PM2022-12-28T17:01:14+5:302022-12-28T17:03:04+5:30
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा पर जमकर हमला बोला है। संजय सिंह ने ये भी कहा है कि सही सर्वे कराकर ओबीसी आरक्षण देने के बाद ही चुनाव होने चाहिए नहीं तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक अहम फैसला सुनाते हुए ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। विपक्षी दल और नेता भाजपा पर अन्य पिछड़ा वर्ग का विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी भाजपा पर जमकर हमला बोला है।
संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा मानसिकता से, विचारधारा से, दलितों, शोषितों की विरोधी है। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद एक बार फिर साबित हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी पिछड़ों के खिलाफ है। पिछड़ों के आरक्षण के खिलाफ है और पिछड़ों को उनका हक देने के खिलाफ है। संजय सिंह ने कहा कि नगर निकाय के चुनाव में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करके आयोग बनाकर, सर्वे कराकर आरक्षण लागू करना था लेकिन योगी आदित्यनाथ और बीजेपी की सरकार ने जानबूझकर ऐसा गड़बड़ आरक्षण ऐसा किया कि हाईकोर्ट ने इनके नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया। संजय सिंह ने ये भी कहा है कि सही सर्वे कराकर ओबीसी आरक्षण देने के बाद ही चुनाव होने चाहिए नहीं तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।
BJP पिछड़ों की विरोधी है।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 27, 2022
नगर निकाय के चुनाव में पिछड़ो का हक़ मारने के लिये जानबूझकर ग़लत आरक्षण कराया गया।
बिना OBC आरक्षण के चुनाव कराना चाहती है BJP सरकार।
सही सर्वे कराकर OBC आरक्षण दो फिर चुनाव कराओ आदित्यनाथ जी वरना सड़कों पर आंदोलन होगा।
दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें अब जनरल मानी जाएंगी। इसी वजह से हंगामा मचा है। लगातार जारी विरोध और मचे हंगामे के बाद भाजपा भी बैकफुट पर है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बगैर ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव नहीं होगा। इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच दिसंबर को निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 17 महापालिकाओं के मेयर, 200 नगर पालिकाओं और 545 नगर पंचायतों में चुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जो लिस्ट जारी की थी उसके हिसाब से चार मेयर सीट- अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन, मेरठ और प्रयागराज को ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया। इनमें से अलीगढ़ और मथुरा-वृंदावन ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षित थी। जिस फार्मूले पर उत्तर प्रदेश सरकार ने ये लिस्ट जारी की थी उसे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया।