मुंबई: महाराष्ट्र की सत्ता इस समय एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के हाथों में है लेकिन बावजूद इसके सियासत भी अपने चरम पर है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सनसनीखेज दावा करते हुए गठबंधन सरकार चला रही भाजपा पर बेहद संगीन आरोप लगाया है।
संजय राउत ने कहा है कि भाजपा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कहा कि वो सरकार से बाहर जाने के लिए स्वतंत्र हैं, अन्यथा मुख्यमंत्री पद या फिर वित्त मंत्रालय में से कोई एक अजित पवार को सौंप दें, जो अपने चाचा और एनसीपी के संस्थापक शरद पवार से बगावत करते गठंबधन सरकार में शामिल हुए हैं।
संजय राउत ने यह दावा उस वक्त किया है जब एनसीपी के टूटे हुए और अजित पवार की अगुवाई में सरकार का हिस्सा बनने वाले धड़े ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना खेमा अजित पवार को वित्त मंत्रालय नहीं देना चाहता था और इसके लिए सीएम शिंदे पर एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे थे कि अजित पवार को सरकार में वित्त मंत्रालय का प्रभार न दिया जाए, जो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के पास गृह मंत्रालय के साथ अतिरिक्त प्रभार के तौर पर था।
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उद्धव गुट द्वारा प्रचारित की जा रही इन खबरों और संजय राउत के सनसनीखेज दावे पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने स्पष्ट कहा कि भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन सरकार के भीतर सब कुछ ठीक चल रहा है और लोगों को ऐसी अफवाहों पर कतई विश्वास नहीं करना चाहिए।
वहीं शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने दावा करते हुए कहा, "भाजपा नेतृत्व ने एकनाथ शिंदे के समक्ष प्रस्ताव रखा कि यदि आप अजित पवार को वित्त मंत्रालय नहीं देना चाहते हैं, तो आप उन्हें मुख्यमंत्री पद सौंप दें।"
इसके साथ ही संजय राउत ने कहा, "भाजपा के इस प्रस्ताव से सीएम शिंदे खासे परेशान हो गये। शिंदे की शिवसेना ने भरपूर प्रयास किया कि गठबंधन सरकार में अजीत पवार को वित्त विभाग न मिल। इसके लिए शिंदे गुट के विधायकों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर दबाव भी डाला और कहा कि वह उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को समझाएं कि वित्त मंत्रालय अजित पवार को न दिया जाए।"
उन्होंने आगे कहा, "यह सच है कि अजित पवार को उनका मनचाहा पोर्टफोलियो मिलने से रोकने की आखिरी मिनट तक कोशिशें की गईं। लेकिन मुख्यमंत्री को असफलता मिली। मुझे लगता है कि बीजेपी और शिंदे से हाथ मिलाने से पहले ही अजित पवार ने वित्त मंत्रालय पाने की शर्त रखी थी। इस कारण उन्हें वित्त मंत्रालय आसानी से मिल गया।"
बेहद ठोस दावे के साथ राउत ने यह भी कहा कि उनके पास पुख्ता सूचना है कि भाजपा ने एकनाथ शिंदे को कहा कि वो या तो वित्त मंत्रालय पवार को देना स्वीकार करें या फिर मुख्यमंत्री की गद्दी उनके लिए छोड़ दें। उन्होंने कहा, “मेरे पास इस सूचना के मजबूत सूत्र हैं। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने शिंदे की बात सुनने से इनकार कर दिया और उन्हें साफ़ कह दिया कि या तो वो सरकार से बाहर हो जायें या चुपचाप प्रस्ताव स्वीकार कर लें। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।''
शिवसेना (यूबीटी) नेता के इस दावे के बीच डिप्टी सीएम अजित पवार ने शनिवार को नासिक में बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि कुछ लोग गलत अफवाह फैला रहे हैं और लोगों को ऐसी अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, "भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की गठबंधन वाली इस सरकार में सब ठीक चल रहा है और हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। किसी को भी ऐसी अफवाहों पर यकीन नहीं करना चाहिए।"
एनसीपी अजित पवार गुट के प्रवक्ता संजय तटकरे ने राउत के बयान पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार किया लेकिन साथ में यह भी कहा कि यह बिल्कुल सच है कि अजित पवार को वित्त विभाग मिलने का विरोध हुआ था लेकिन अब सब कुछ ठीक है। हमारे नेता भी किसी अटकलबाजी वाली चर्चा का जवाब नहीं देंगे। जिन्हें जो बोलना है, बोलने दीजिए।''