समीर वानखेड़े ने गैरकानूनी तरीके से फोन टैप कराए: नवाब मलिक का आरोप

By भाषा | Updated: October 26, 2021 13:17 IST2021-10-26T13:17:25+5:302021-10-26T13:17:25+5:30

Sameer Wankhede illegally tapped phones: Nawab Malik | समीर वानखेड़े ने गैरकानूनी तरीके से फोन टैप कराए: नवाब मलिक का आरोप

समीर वानखेड़े ने गैरकानूनी तरीके से फोन टैप कराए: नवाब मलिक का आरोप

मुंबई, 26 अक्टूबर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी समीर वानखेड़े पर गैरकानूनी रूप से फोन टैप करने का आरोप लगाया और कहा कि वह अधिकारियों के ‘गलत कार्यों’ पर एक पत्र एजेंसी के प्रमुख को सौंपेंगे।

मलिक ने कहा, ‘‘समीर वानखेड़े मुंबई और ठाणे के दो लोगों के जरिए कुछ लोगों के मोबाइल फोन पर गैरकानूनी तरीके से नजर रख रहे हैं।’’ मलिक अपने दामाद की गिरफ्तारी के बाद से लगातार वानखेड़े पर निशाना साध रहे हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वानखेड़े ने पुलिस से उनके परिवार के सदस्य की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) भी मांगी थी।

वानखेड़े ने सोमवार को मुंबई की एक अदालत में दाखिल किए अपने हलफनामे में दावा किया कि उन्हें ‘‘अज्ञात लोगों द्वारा गिरफ्तार करने की धमकी दी गयी है क्योंकि वह ईमानदार और निष्पक्ष जांच करने के लिए कुछ निहित स्वार्थों के अनुकूल काम नहीं कर रहे हैं।’’

अधिकारी ने यह भी दावा किया कि एक जाने-माने नेता (मलिक) निजी रूप से उनको निशाना बना रहे हैं और इसकी एक वजह यही हो सकती है कि एनसीबी ने ‘‘इस व्यक्ति के दामाद समीर खान’’ को गिरफ्तार किया था।

मलिक ने कहा कि वह ‘‘वानखेड़े की विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में एनसीबी में किसी के’’ द्वारा लिखे एक पत्र को एजेंसी के डीजी एस एन प्रधान को भेज रहे हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री ने कहा कि एनसीबी को पत्र में लिखे 26 आरोपों की जांच करनी चाहिए जिसमें आरोप लगाया गया है कि मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के भीतर ‘वसूली का गिरोह’ चलाया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े और उनके कुछ सहकर्मी ‘‘वसूली गिरोह’’ में शामिल हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘मालदीव की उनकी हाल की यात्रा इस वजह से ही थी। मेरा मानना है कि वसूली राशि 1,000 करोड़ रुपये तक थी।’’

मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैं एनसीबी डीजी को यह पत्र भेजूंगा और उनसे समीर वानखेड़े पर की जा रही जांच में इस पत्र को शामिल करने का अनुरोध करूंगा।’’

मलिक ने सोमवार को दावा किया था कि समीर वानखेड़े जन्म से एक मुसलमान हैं और उनका असली नाम ‘समीर दाऊद वानखेड़े’ है। मंत्री ने समीर वानखेड़े का कथित जन्म प्रमाणपत्र भी जारी किया था और आरोप लगाया था कि अधिकारी ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। बहरहाल, एनसीबी अधिकारी के पिता ने बाद में कहा कि उनका नाम ज्ञानदेव है न कि दाऊद।

मलिक ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरे पास सभी विश्वसनीय दस्तावेज हैं जो यह साबित करते हैं कि समीर वानखेड़े का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ लेकिन उन्होंने अपनी जाली पहचान बनायी और अनुसूचित जाति वर्ग के तहत नौकरी पायी। कानून के अनुसार, इस्लाम धर्म अपनाने वाले दलितों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, अत: समीर वानखेड़े ने अनुसूचित जाति के एक योग्य व्यक्ति के नौकरी के अवसर को छीन लिया।’’

मंत्री ने कहा कि इस मामले में जल्द ही कानूनी जांच शुरू की जाएगी। समीर वानखेड़े के पिता के बयान पर मलिक ने कहा कि यह सच है कि एनसीबी अधिकारी के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े का जन्म वाशिम जिले में एक दलित परिवार में हुआ था और उन्होंने राज्य आबकारी विभाग में नौकरी की।

मलिक ने दावा किया, ‘‘लेकिन उन्होंने मुंबई में इस्लाम धर्म अपनाकर एक मुस्लिम महिला से शादी की और दाऊद नाम अपनाया। उनके दो बच्चे हैं। ज्ञानदेव वानखेड़े ने बाद में सोचा और ज्ञानदेव वानखेड़े के नाम पर सभी दस्तावेज हासिल करने के लिए अपने पिता के प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया ताकि उनके बच्चों को इसका फायदा मिले।’’

राकांपा नेता ने कहा कि अगर उन्होंने फर्जी दस्तावेज दिखाए हैं तो ज्ञानदेव वानखेड़े को समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाणपत्र दिखाना चाहिए और अपनी बात साबित करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ज्ञानदेव वानखेड़े को अपने बेटे का जाति प्रमाणपत्र दिखाने की चुनौती देता हूं।’’

उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 के बाद डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था कि हालांकि उनका जन्म हिंदू के तौर पर हुआ लेकिन वह हिंदू के तौर पर मरेंगे नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद केंद्र सरकार ने तुरंत एक आदेश जारी किया कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ केवल हिंदू धर्म के दलितों को मिलेगा। इसके बाद आदेश से कबीर और सिख पंथ को छूट दी गयी। आखिरी बदलाव दिवंगत प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने किया था जिन्होंने बौद्ध धर्म अपनाने वाले दलितों को छूट दी थी। बहरहाल भारतीय कानून इस्लाम या ईसाई धर्म अपनाने वाले अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण के ऐसे लाभ नहीं देता है।’’

मलिक ने कहा कि इसलिए ‘इस्लाम धर्म अपनाकर दाऊद बने’ ज्ञानदेव वानखेड़े आरक्षण के लाभ नहीं मांग सकते। उन्होंने कहा, ‘‘यही एकमात्र वजह है कि मैं उनके दस्तावेजों को फर्जी बता रहा हूं।

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Web Title: Sameer Wankhede illegally tapped phones: Nawab Malik

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