छत्तीसगढ़ पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा को 'टूलकिट' मामले पर पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। उन्हें रायपुर के सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में 23 मई को शाम चार बजे तक पेश होने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी उपस्थित हो सकते हैं।
पुलिस की ओर से ये समन कांग्रेस स्टूडेंट विंग एनएसयूआई की ओर से रायपुर में संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद भेजी गई है। साथ ही एनएसयूआई की ओर से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ भी टूलकिट से ही जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
गौरतलब है कि संबित पात्रा ने 18 मई को ट्विटर पर एक पोस्ट में दावा किया था कि कोरोना संकट के बीच कांग्रेस केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए सुनियोजित तरीके से साजिश रच रही है।
संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर एनएसयूआई नेता आकाश वर्मा ने दर्ज कराई है। आकाश वर्मा की शिकायत में कहा गया है कि भाजपा ने कांग्रेस के लेटरपैड का गलत इस्तेमाल किया और सोशल मीडिया पर मनगढ़ंत कहानी फैलाई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार रमन सिंह को भी छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से नोटिस जारी किया गया है।
कांग्रेस से जुड़ा कथित टूलकिट विवाद क्या है?
दरअसल संबित पात्रा ने 18 मई को ट्विटर पर डॉक्यूमेंट साझा किया जिसे कांग्रेस से जुड़ा हुआ बताया गया। इसमें कहा गया कि कांग्रेस कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है और शेयर किए दस्तावेज में पूरी योजना लिखी गई है।
संबित पात्रा और फिर दूसरे बीजेपी नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस कथित टूलकिट पर दाएं ओर सबसे ऊपर कांग्रेस का चिह्न बना है। इसमें कई बातें कही गई हैं। मसलन कोरोना के नए स्ट्रेन को 'इंडियन स्ट्रेन' या 'मोदी स्ट्रेन' कहकर बार-बार कहकर प्रचारित करने की बात कही गई है।
साथ ही कथित तौर पर कार्यकर्ताओं से अंतिम संस्कार और मृत शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने जैसी बातें कही गई हैं ताकि केंद्र की सरकार की आलोचना हो सके। हालांकि, कांग्रेस ने इसे झूठा बताया था और सभी आरोपों को खारिज किया था। साथ ही बीजेपी नेताओं के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की बात भी कही गई थी।
इन सबके बीच ट्विटर संबित पात्रा के टूलकिट वाले पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया' बता दिया था। इसके बाद सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से ट्विटर के कदम को लेकर नाराजगी जताई गई थी।