रामपुर: सत्र अदालत से आजम खान को बड़ी राहत, हेट स्पीच मामले में मिली जमानत
By मनाली रस्तोगी | Published: November 22, 2022 06:19 PM2022-11-22T18:19:35+5:302022-11-22T18:21:58+5:30
सत्र न्यायालय ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को उनके खिलाफ अभद्र भाषा के मामले में जमानत दे दीहै। खान को 2019 के अभद्र भाषा मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
रामपुर: उत्तर प्रदेश (यूपी) के रामपुर में एक सत्र न्यायालय ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को उनके खिलाफ अभद्र भाषा के मामले में नियमित जमानत दे दी। रामपुर जिला अदालत द्वारा 2019 के अभद्र भाषा के मामले में खान को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई और उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता खो दी क्योंकि उनकी सजा की अवधि दो साल से अधिक है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में अप्रैल 2019 में खान के खिलाफ रामपुर में मामला दर्ज किया गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान खान ने रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी, सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी।
सपा नेता ने अपना विधायक पद खो दिया क्योंकि 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार यदि कोई विधायक, एमएलसी या सांसद किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल के लिए जेल जाता है तो वह तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है। उनकी अयोग्यता के बाद रामपुर सदर विधानसभा सीट खाली घोषित कर दी गई थी।
इसके बाद चुनाव आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रामपुर निर्वाचन क्षेत्र सहित विभिन्न राज्यों में पांच विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की। इससे पहले 18 नवंबर को भाजपा उपचुनाव के उम्मीदवार आकाश सक्सेना द्वारा दायर शिकायत के बाद रामपुर में मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया था। 1950 और 1951 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) के प्रावधानों को लागू करते हुए भाजपा द्वारा आजम खान का नाम मतदाता सूची से हटाने की अपील दायर करने के बाद रामपुर निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा निर्णय लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कथित धोखाधड़ी के एक मामले में अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद इस साल की शुरुआत में खान को सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया था। खान पर भ्रष्टाचार और चोरी सहित 90 से अधिक आरोप हैं। उन्होंने 1980 का विधानसभा चुनाव जनता पार्टी के टिकट पर रामपुर से जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव दोनों सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया है।