तिरुवनंतपुरमः माकपा के वरिष्ठ नेता और केरल के मत्स्य पालन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन के संविधान पर दिए विवादित बयान पर बवाल मचा हुआ है। साजी ने ने मंगलवार को यह कहकर तूफान खड़ा कर दिया कि भारतीय संविधान आम लोगों के शोषण और लूट का समर्थन करता है। साजी के इस बयान पर केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष वीटी बलराम ने इस्तीफे की मांग की है।
साजी चेरियन पठानमथिट्टा में सोमवार को एक पार्टी समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि, “देश में एक सुंदर संविधान लिखा गया है। मैं कहूंगा कि संविधान इस तरह से लिखा गया है कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक लोगों को लूटा जाए। चेरियन यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मौजूदा जो संविधान है उसे अंग्रेजों ने तैयार किया और भारतीयों ने लिख दिया। बकौल चेरियन, पिछले 75 वर्षों में इसे लागू किया गया है, मैं कहूंगा कि यह एक ऐसा संविधान है जो देश में अधिकतम लोगों का शोषण सुनिश्चित करता है।
बयान को जुबान के फिसलने के रूप में नहीं देखा जा सकताः कांग्रेस
कांग्रेस नेता वीटी बलराम ने साजी के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, उन्होंने (साजी चेरियन) भारत के संविधान के अधिकार को खुलेआम चुनौती दी है और इसके निर्माताओं का अपमान किया है। बयान को जुबान के फिसलने के रूप में नहीं देखा जा सकता क्योंकि उनका भाषण मिनटों तक चला।
वीटी बलराम ने कहा, हमने राज्यपाल से सीएम को तुरंत बुलाने और उनके इस्तीफे की मांग करने का अनुरोध किया है... अगर सीएम और सीपीआईएम उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं, तो हम कानूनी सहारा लेंगे, अदालत जाएंगे और इसे राजनीतिक मुद्दे के रूप में भी लेंगे।
राज्यपाल ने क्या कहा?
उधर, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों का कर्तव्य है कि वे संविधान और कानून-व्यवस्था को बनाए रखें। इस बारे में सीएम को सूचित किया गया है और वे स्पष्टीकरण भी मांग चुके हैं। गवर्नर ने कहा कि अभी मैंने कोई रिपोर्ट नहीं मांगी है, हम निगरानी रख रहे हैं।
भाजपा ने साजी के बयान की कड़ी आलोचना की
साजी के बयान पर भाजपा नेता केजे अल्फोंस ने निशाना साधते हुए कहा कि एक मंत्री के लिए संविधान के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के खिलाफ टिप्पणी करना गलत था। चेरियन ने संविधान की रक्षा की शपथ ली है और अब वह इसका मजाक उड़ा रहे हैं। अल्फोंस ने साजी चेरियन को बर्खांस्त करने की मांग की है। इसके साथ ही राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन सहित कई लोगों ने भी चेरियन की विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर सीएम उनका इस्तीफा नहीं लेते हैं तो हम कानूनी कार्रवाई की मदद लेंगे।
सीपीआई बचाव में आई सामने
साजी चेरियन के विवादित बयान का सीपीआई ने बचाव किया है। सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य एम ए बेबी ने कहा, "उन्होंने संविधान की आलोचना नहीं की बल्कि उन्होंने केवल सत्ता के केंद्रों के खिलाफ बात की। यदि मंत्री की ओर से कोई चूक हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।''
चेंगन्नूर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे चेरियन ने पिछले साल कथित तौर पर अनुपमा चंद्रन की नैतिकता पर सवाल उठाया था, जिन्होंने पार्टी प्रतिष्ठान और उनके माता-पिता पर उनके नवजात बच्चे को जबरन ले जाने और उसकी सहमति के बिना उसे गोद लेने का आरोप लगाया था।