अपने ही घर में मृत पाए गए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉ नंजुंदन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2019 13:14 IST2019-12-23T13:14:46+5:302019-12-23T13:14:46+5:30
डॉ.नंजुंदन बेंगलुरु विश्वविद्यालय में सांख्यिकी के व्याख्याता के रूप में कार्यरत थे और कई दिनों से पढ़ाने नहीं आए थे। उन्होंने बताया कि जब उनके सहायक को आशंका हुई तो वह शुक्रवार को उन्हें देखने घर गया जहां से बदबू आ रही थी।

यह विभिन्न कन्नड़ लेखिकाओं की लघु कथा है जिसे उन्होंने तमिल में अनुवाद किया है।
प्रख्यात अनुवादक और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉ. जी नंजुंदन बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए। पुलिस ने बताया कि उन्हें आशंका है कि 58 वर्षीय नंजुंदन की मौत दिल का दौरा पड़ने से करीब चार दिन पहले हुई होगी और उनकी सड़ी हुई लाश नगादेवनहल्ली स्थित अपार्टमेंट में मिली है।
डॉ.नंजुंदन की ख्याति दर्जनों कन्नड़ किताबों को तमिल में अनुवाद करने की वजह से मिली। इन किताबों में ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता यू आर अनंतमूर्ति की कृति ‘‘भाव’’ और ‘‘अवस्थे’’ शामिल है। उन्हें वर्ष 2012 में ‘‘अक्का’’ के लिए अकादमी अनुवाद पुरस्कार मिला। यह विभिन्न कन्नड़ लेखिकाओं की लघु कथा है जिसे उन्होंने तमिल में अनुवाद किया है।
पुलिस के मुताबिक डॉ.नंजुंदन बेंगलुरु विश्वविद्यालय में सांख्यिकी के व्याख्याता के रूप में कार्यरत थे और कई दिनों से पढ़ाने नहीं आए थे। उन्होंने बताया कि जब उनके सहायक को आशंका हुई तो वह शुक्रवार को उन्हें देखने घर गया जहां से बदबू आ रही थी।
पुलिस ने बताया कि सहायक ने तब इसकी जानकारी डॉ.नंजुंदन की पत्नी और बेटे को दी जो चेन्नई में रहते हैं। परिवार ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया और वहां पर उनकी सड़ी हुई लाश मिली। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आशंका है कि दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हुई है।’’