जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीें जाएगा, पढ़ें लद्दाख मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण

By निखिल वर्मा | Updated: June 18, 2020 08:21 IST2020-06-18T08:18:16+5:302020-06-18T08:21:45+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा.

Sacrifice of soldiers will not go in vain, read Prime Minister Narendra Modi's full speech on Ladakh issue | जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीें जाएगा, पढ़ें लद्दाख मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाये जाने पर यथोचित जवाब देने में सक्षम है।

Highlightsप्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ‘‘अपनी अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर वायुसेना अलर्ट पर हैभारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को कहा कि सैन्य बलों ने सदैव अदम्य साहस का परिचय दिया है। भारतीय जवानों ने दृढ़तापूर्वक भारत की संप्रभुता की रक्षा की है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।

पढ़ें लद्दाख के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण

साथियों, 

भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। दुःख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी समवेदनाएं व्यक्त करता हूं। 

आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं। हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा। भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है।

भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोकाः समस्ताः सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है। हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक कोऑपरेटिव और दोस्ताना तरीके से मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है।

जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें, असहमति विवाद में न बदलें। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।

त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं। मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूँ, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है। लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा। देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं।"

कोरोना वायरस महामारी पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में अपने शुरूआती संबोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

Web Title: Sacrifice of soldiers will not go in vain, read Prime Minister Narendra Modi's full speech on Ladakh issue

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