केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमला मंदिर में छह नवंबर को भगवान अयप्पा के भक्तों द्वारा 52 वर्षीय महिला पर कथित हमले के सिलसिले में भाजपा महासचिव के. सुरेंद्रन को शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति वी राजा विजयराघवन ने सुरेंद्रन को उनका पासपोर्ट जमा करने, पत्नमथित्ता जिले में तब तक प्रवेश नहीं करने का निर्देश दिया जब तक मामले में आरोपपत्र दाखिल नहीं किया जाता। इसी जिले में भगवान अयप्पा का मंदिर स्थित है। उन्हें दो लाख रुपये का जमानती मुचलका भी जमा करने को कहा गया।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जमानत दिये जाने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि अगर सुरेंद्रन को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह मंदिर में हिंसा भड़काने की कोशिश करेंगे।
सबरीमला में विरोध प्रदर्शन से जुड़ा यह दूसरा मामला है जिसमें भाजपा नेता को जमानत दी गयी है।
उन्हें सबसे पहले निलक्कल से 17 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें निषेधाज्ञा तोड़ने की कोशिश करने और पुलिस के अनुरोध के बावजूद वापस नहीं जाने के बाद सबरीमला मंदिर जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया था।
मामले में उन्हें पत्नमथित्ता की एक अदालत ने 21 नवंबर को जमानत दी थी, लेकिन वह आज तक जेल में रहे क्योंकि उन पर महिला तीर्थयात्री पर कथित हमले से संबंधित प्रकरण में भी मामला दर्ज किया गया था।