पीएम मोदी पर बयान को लेकर जॉर्ज सोरोस पर एस जयशंकर का पलटवार, अरबपति निवेशक को बताया "बुजुर्ग, अमीर और खतरनाक", देखें वीडियो
By अनिल शर्मा | Published: February 18, 2023 11:31 AM2023-02-18T11:31:46+5:302023-02-18T12:45:53+5:30
एस जयशंकर ने सोरोस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ समय पहले ही उन्होंने हम पर आरोप लगाया था कि हम करोड़ों मुस्लिमों की नागरिकता छीनने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि जाहिर तौर पर नहीं हुआ..
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के पीएम नरेंद्र मोदी पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उन्हें आड़े हाथों लिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "सोरोस मानते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक नहीं है।''
एस जयशंकर ने सोरोस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए आगे कहा कि 'कुछ समय पहले ही उन्होंने हम पर आरोप लगाया था कि हम करोड़ों मुस्लिमों की नागरिकता छीनने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि जाहिर तौर पर नहीं हुआ।' सोरोस को आड़े हाथों लेते हुए जयशंकर ने कहा- मैं कह सकता है कि मिस्टर सोरोस एक बुजुर्ग, अमीर और राय रखने वाले व्यक्ति हैं, जो कि अभी भी न्यूयॉर्क में बैठे हैं और सोचते हैं कि उनके विचारों से फैसला होना चाहिए कि पूरी दुनिया कैसे चलेगी।' विदेश मंत्री ने कहा कि ‘मैं सोरोस को सिर्फ बुजुर्ग, अमीर और राय रखने वाला कहकर रुक सकता हूं। लेकिन वे बुजुर्ग, अमीर और राय रखने वाले के साथ खतरनाक भी हैं।'
#WATCH | Mr Soros is an old, rich opinionated person sitting in New York who still thinks that his views should determine how the entire world works...such people actually invest resources in shaping narratives: EAM Dr S Jaishankarpic.twitter.com/k99Hzf3mGK
— ANI (@ANI) February 18, 2023
जयशंकर ने कहा, "सोरोस जैसे लोगों को लगता है कि चुनाव तभी अच्छे हैं, जब उनकी पसंद का व्यक्ति जीत जाए। लेकिन अगर चुनाव का नतीजा कुछ और होता है, तो वह उस देश के लोकतंत्र को त्रुटिपूर्ण कहने लगते हैं और यह सब एक खुले समाज की वकालत करने के नाम पर किया जाता है।''
जयशंकर ने सोरोस को बुजुर्ग, अमीर और खतरनाक बताते हुए यह भी कहा कि "ऐसे लोग वास्तव में कथाओं को आकार देने में संसाधनों का निवेश करते हैं। उनके जैसे लोग सोचते हैं कि चुनाव अच्छा है अगर वे जिस व्यक्ति को देखना चाहते हैं, जीतते हैं और अगर चुनाव एक अलग परिणाम देता है तो वे कहेंगे कि यह एक त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र है और सुंदरता यह है कि यह सब खुले समाज की वकालत के बहाने किया जाता है।"
जॉर्ज सोरोस ने क्या कहा था?
अरबपति सोरोस ने बृहस्पतिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा था कि गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य में जारी उठापटक सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ को कमजोर कर सकती है। उनके इस बयान को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारतीय लोकतंत्र पर हमले के रूप पेश किया है। सोरोस, जिनकी नेटवर्थ लगभग 8.5 बिलियन डॉलर है ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं। यह फाउंडेशन लोकतंत्र, पारदर्शिता और बोलने की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले समूहों और व्यक्तियों को अनुदान देता है।
यह संस्था लोकतंत्र, पारदर्शिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले समूहों और व्यक्तियों को अनुदान देती है। वर्ष 1930 में हंगरी के बुडापेस्ट में एक समृद्ध यहूदी परिवार में जन्मे सोरोस का शुरुआती जीवन 1944 में नाजियों के आगमन से बुरी तरह प्रभावित हुआ। परिवार अलग हो गया और नाजी शिविरों में भेजे जाने से बचने के लिए उसने फर्जी कागजात का सहारा लिया। उसी समय परिवार के सदस्यों ने अपने उपनाम को 'श्वार्ज' से बदलकर 'सोरोस' कर दिया ताकि यहूदी पहचान उजागर न हो।
गौरतलब है कि सोरोस के बयान पर भाजपा के कई नेताओं-मंत्रियों ने नाराजगी जाहिर की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि "जिस व्यक्ति ने इंग्लैंड के बैंक को तोड़ दिया, एक व्यक्ति जिसे आर्थिक युद्ध अपराधी के रूप में नामित किया गया है, उसने अब भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने की इच्छा व्यक्त की है। जॉर्ज सोरोस, जो कई देशों के खिलाफ दांव लगाते हैं, ने अब भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अपने बुरे इरादे जाहिर कर दिए हैं।"