यूक्रेन में भारतीय छात्रों के बंधक बनाए जाने की खबरों का विदेश मंत्रालय ने किया खंडन, जारी किया बयान, मदद को आगे आया रूस
By अनिल शर्मा | Published: March 3, 2022 09:16 AM2022-03-03T09:16:53+5:302022-03-03T09:27:42+5:30
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने की खबरों का खंडन किया है और एक बयान जारी किया है। भारत सरकार ने कहा कि हमें किसी छात्र को बंधक बनाए जाने की कोई सूचना नहीं मिली है।
नई दिल्ली/कीवः रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसके सशस्त्र बल यूक्रेन के खारकीव शहर से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिहाज से सभी जरूरी कदम उठाने को तैयार हैं। भारत में रूसी दूतावास के एक अधिकारी ने रूस के रक्षा मंत्रालय की ब्रीफिंग का ब्योरा साझा किया। मॉस्को में रक्षा मंत्रालय ने एक मीडिया ब्रीफिंग में यह आरोप भी लगाया कि यूक्रेन के अधिकारी भारतीय छात्रों के एक समूह को उनकी बेलगोरोद जाने की इच्छा के विपरीत खारकीव में जबरदस्ती रोक कर रख रहे हैं। हालांकि भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन जो अपना खून बहा रहा है, वह वहां फंसे हुए विदेशी छात्रों की मदद कर रहा है।
इस बीच भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने की खबरों का खंडन किया है और एक बयान जारी किया है। मीडिया में चल रही ऐसी खबरों को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, यूक्रेन में अपना दूतावास यूक्रेन में भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है। हम ध्यान दें कि यूक्रेनी अधिकारियों के सहयोग से कई छात्रों ने कल खारकिव छोड़ दिया है। हमें किसी भी छात्र के संबंध में किसी के भी बंधक की स्थिति की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
Our Embassy in Ukraine is in continuous touch with Indian nationals in Ukraine. We note that with the cooperation of the Ukrainian authorities, many students have left Kharkiv yesterday. We have not received any reports of any hostage situation regarding any student: MEA pic.twitter.com/1pyZ5u1TIy
— ANI (@ANI) March 3, 2022
विदेश मंत्रालय ने बयान में आगे कहा, हमने खारकिव और पड़ोसी क्षेत्र से छात्रों को देश के पश्चिमी भाग में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था के लिए यूक्रेनी अधिकारियों के सहयोग का अनुरोध किया है। हम रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और सहित अन्य देशों के साथ प्रभावी ढंग से समन्वय कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को निकाला गया है। इसे संभव बनाने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा सहायता की सराहना करते हैं।
उधर, रूस के खिलाफ लामबंद होते हुए बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अधिकतर देशों ने उससे यूक्रेन से बाहर निकलने की मांग की। रूसी सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर में बमबारी फिर शुरू कर दी है और इससे देश की राजधानी पर खतरा बढ़ गया है। रूस ने उसके प्रमुख रणनीतिक बंदरगाहों को भी घेर लिया है।
रूस का कहना है कि पिछले सप्ताह शुरू हुई सैन्य कार्रवाई में अभी तक करीब उसके 500 सैनिक मारे गए हैं और लगभग 1,600 जवान घायल हुए हैं। वहीं, यूक्रेन ने उसकी सेना के हताहत सैनिकों की जानकारी साझा नहीं की। बहरहाल, यूक्रेन ने कहा कि दो हजार से अधिक असैन्य नागरिक मारे गए हैं। दोनों ही देशों के दावों की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।