भोपाल, 19 अगस्तः महज 11 सेकेंड के अंदर 100 मीटर की रेस पूरी करने वाले शिवपुरी के धावक रामेश्वर गुर्जर आज हुए ट्रायल में उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाया. रामेश्वर जूते पहनकर ट्रेक पर दौड़ा, लेकिन उसने आज 100 मीटर की दौड़ पूरी करने में 12.90 सेकेंड का समय लिया. रामेश्वर के इस प्रदर्शन पर राज्य के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि नंगे पैर दौड़ना और जूते पहनकर दौड़ने में फर्क है, हम अभी उसे ट्रेनिंग देंगे और एक माह बाद फिर ट्रायल लिया जाएगा.
राजधानी के टीटी नगर स्टेडियम में आज 100 मीटर दौड़ के लिए ट्रायल लिया गया. इस ट्रायल में राज्य के सात खिलाड़ियों को शामिल किया गया था. दौड़ में रामेश्वर आखिरी स्थान पर रहा और उसने 100 मीटर की दौड़ भी 12.90 सेकेंड में पूरी की. ट्रायल के लिए सात धावकों में आयूश तिवारी ने सबसे कम 10.85 सेकेंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी की. खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि ग्रामीण परिवेश में पले-बड़े रामेश्वर गुर्जर अच्छे धावक हैं. वे धावकों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और डाइट से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि गांव में नंगे पैर सड़क पर दौड़ना और ट्रैक पर जूते पहनकर दौड़ने में बहुत फर्क होता है.
पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब ऐसी छिपी ग्रामीण प्रतिभाओं को ओपन फोरम उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि रामेश्वर को एक महीने खेल अकादमी में विशेषज्ञों की देखरेख में प्रशिक्षित किया जाएगा. उसकी डाइट और स्पीड पर ध्यान दिया जाएगा. एक महीने बाद रामेश्वर का एक बार फिर ट्रायल होगा. पटवारी ने कहा कि रामेश्वर को मानसिक और शारीरिक तौर पर पूर्ण रूप से तैयार करने की जिम्मेदारी हमारी है.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के शिवपुरी जिले के निवासी नंगे पैर दौड़ने वाले धावक रामेश्वर गुर्जर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस वीडियो ने सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचा है. राज्य के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने रामेश्वर को भोपाल में बेहतर प्रशिक्षण देने की बात कही है. रामेश्वर गुर्जर धावक हैं और वह नंगे पांव सड़क पर दौड़ते हैं. उनका यह वीडियो पिछले कुछ दिनों से वायरल हो रहा है. बताया जाता है कि रामेश्वर 100 मीटर की दौड़ 11 सेकेंड में पूरी करते हैं. बाद में मंत्री पटवारी ने रामेश्वर को भोपाल बुलाया अधिकारियों से कहा कि ऐसी प्रतिभा को बेहतर खेल सुविधा, अच्छे शूज और प्रशिक्षण दिया जाए, तो वह 100 मीटर की दूरी नौ सेकेण्ड में ही तय कर सकता है.
कौन है रामेश्वर गुर्जर
रामेश्वर गुर्जर ने 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. उनके परिवार में माता-पिता और पांच भाई-बहन हैं. पूरा परिवार खेती-किसानी करता है. रामेश्वर ने परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण आगे पढ़ाई नहीं की. रामेश्वर को इसके बाद भोपाल लाया गया. अब खेल विभाग द्वारा उसे प्रशिक्षण दिया जा रहा है.