बुरके के बाद हलाल मीट को लेकर कर्नाटक में बवाल, हिंदू संगठन ने कहा, 'हलाल मांस पहले अल्लाह को चढ़ाया जाता है न कि हिंदू देवताओं को'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 28, 2022 16:58 IST2022-03-28T16:44:46+5:302022-03-28T16:58:49+5:30

कर्नाटक में हिंदू जनजागृति समिति ने सोमवार को कहा कि इस्लामिक प्रथाओं के तहत काटा जाने वाला मांस हिंदू देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाया जा सकता क्योंकि इस्लाम के अनुसार हलाल का मांस सबसे पहले अल्लाह को चढ़ाया जाता है न कि हिंदू देवताओं को।

Ruckus in Karnataka over halal meat after burqa, Hindu organization said, 'Halal meat is first offered to Allah and not to Hindu gods' | बुरके के बाद हलाल मीट को लेकर कर्नाटक में बवाल, हिंदू संगठन ने कहा, 'हलाल मांस पहले अल्लाह को चढ़ाया जाता है न कि हिंदू देवताओं को'

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsकर्नाटक में बुरके पर लगे प्रतिबंध को कारण पहले से ही विवाद चल रहा हैअब हिंदू जनजागृति समिति ने हलाल मांस को लेकर एक नया बवाल खड़ा कर दिया है समिति का कहना है कि हलाल का मांस पहले अल्लाह को चढ़ाया जाता है न कि हिंदू देवताओं को

बेंगलुरु: बुरका विवाद के बाद अब कर्नाटक में एक हिंदू दक्षिणपंथी समूह द्वारा हलाल मीट की खरीद के खिलाफ अभियान चलाये जाने की खबर मिल रही है। इस मामले में हिंदू जनजागृति समिति ने सोमवार को कहा कि इस्लामिक प्रथाओं के तहत काटा जाने वाला मांस हिंदू देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाया जा सकता है।

इस संबंध में बात करते हुए संगठन के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने कहा, "उगादी के दौरान मीट की खूब खरीदारी होती है और हम हलाल मीट के खिलाफ अभियान शुरू कर रहे हैं क्योंकि इस्लाम के अनुसार हलाल का मांस सबसे पहले अल्लाह को चढ़ाया जाता है न कि हिंदू देवताओं को।"

यह बयान ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में बुरके पर लगे प्रतिबंध को कारण पहले से ही विवाद चल रहा है। कर्नाटक में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर दक्षिणी राज्य में ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है।

हलाल मांस के खिलाफ तर्क देते हुए गौड़ा ने कहा, “जब भी मुसलमान किसी जानवर को काटते हैं, उसका चेहरा मक्का की ओर कर दिया जाता है और नमाज अदा की जाती है। अब ऐसे मांस कैसे हिंदू देवताओं को चढ़ाया जा सकता है। हिंदू धर्म में हम जानवरों को प्रताड़ित करते में विश्वास नहीं रखते हैं और यही कारण है कि हम झटके से उनकी बलि लेने में विस्वास करते हैं।"

उन्हीं तर्कों के साथ संगठन ने कर्नाटक के उडुपी में गैर हिंदू व्यवसायियों और दुकानदारों को मंदिर समारोह में प्रवेश नहीं देने की भी मांग की है और धीरे-धीरे यह मांग राज्य के अन्य हिस्सों में स्थित मंदिरों में आयोजित होने वाले वार्षिक मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों में की जाने लगी है।

मालूम हो कि हिंदू धार्मिक मेलों में मुस्लिम दुकानदारों को बैन करने की मांग उडुपी जिले में आयोजित वार्षिक कौप मारिगुडी उत्सव के साथ हुई, जहां गैर-हिंदू दुकानदारों और व्यापारियों को अनुमति नहीं देने के लिए बाकायदा बैनर भी लगाए गए थे। इसी तरह के बैनर अब पद्बिदारी मंदिर उत्सव और दक्षिण कन्नड़ जिले के कुछ मंदिरों में भी लगाए गए हैं।

हिंदू कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कदम बुरके पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुसलमानों द्वारा बंद किये दुकानों से उपजी हुई प्रतिक्रिया है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुसलामनों ने जिस तरह से दुकाने बंद करके विरोध दर्ज कराया है, उससे साफ जाहिर होता है कि वो भारत के कानून और न्याय प्रणाली के प्रति सम्मान नहीं रखते हैं।

जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के हिंदू धार्मिक मेले में मुसलमान दुकानदारों को रोकने के लिए मांड्या, शिमोगा, चिक्कमगलुरु, तुमकुरु, हसन और अन्य स्थानों पर बैनर लगाए गए हैं।

Web Title: Ruckus in Karnataka over halal meat after burqa, Hindu organization said, 'Halal meat is first offered to Allah and not to Hindu gods'

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