सीमा विवाद को लेकर असम विधानसभा में हंगामा, विपक्ष ने केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग की
By भाषा | Updated: August 4, 2021 13:40 IST2021-08-04T13:40:08+5:302021-08-04T13:40:08+5:30

सीमा विवाद को लेकर असम विधानसभा में हंगामा, विपक्ष ने केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग की
गुवाहाटी, चार अगस्त असम विधानसभा में बुधवार को मिजोरम के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिये स्थगित करनी पड़ी।
समूचा विपक्ष, कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीपीएफ, माकपा और निर्दलीय विधायक, अध्यक्ष के आसन के सामने आ गया और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से सटस्थ जांच कराने की मांग की और इसके साथ ही तख्तियां दिखाते हुए “सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को सुरक्षा दो” के नारे लगाए।
सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिये अध्यक्ष के आसन के करीब आ गए।
विधानसभा सचिव की मेज बीच में होने से दोनों पक्ष अलग-अलग थे लेकिन वे एक दूसरे को ऊंगली दिखा रहे थे और कई बार मेज को कई बार पीटा।
विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिलती देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिये स्थगित कर दी।
इससे पहले कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने व्यवस्था के विषय के तौर पर यह मुद्दा उठाया और सदन को सूचित किया कि मिजोरम के साथ समस्या अक्टूबर 2020 में शुरू हुई।
उन्होंने कहा, “हमने केंद्र सरकार को इस मुद्दे की जानकारी देते हुए एक पत्र लिखा था। उसके बाद भी, असम पुलिस के कर्मियों की जान क्यों गई? यह किसकी गलती थी?”
इस सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री पीजुश हजारिका ने कहा कि असम और मिजोरम दो अलग राष्ट्र नहीं हैं बल्कि भारत के दो पड़ोसी राज्य हैं।
उन्होंने कहा, “हमें अपनी समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिये करना होगा और प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। लेकिन मैं सदन को बताना चाहूंगा कि उनके (कांग्रेस के) शासन में 1974 से (अंतरराज्यीय संघर्ष में) 34 लोगों की जान गई थी।”
हजारिका के बयान के बाद समूचे विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर खड़े हो गए और इस मुद्दे को लेकर नारेबाजी करने लगे।
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