भीम आर्मी ने अपने प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शुक्रवार को जामा मस्जिद के पास प्रदर्शन मार्च निकाला।
हालांकि पुलिस ने आजाद को इस मार्च की अनुमति नहीं दी थी। हाथों में तिरंगा पकड़े प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी की। भीम आर्मी को सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक प्रदर्शन मार्च निकालने की अनुमति नहीं मिली थी।
इंटरनेट पर पाबंदी, आवाजाही में बाधा और कड़ाके की ठंड के बावजूद जामिया मिल्लिया इस्मामिया के बाहर सड़क पर सैकड़ों लोग जमा हुए और संशोधित नागरिकता कानून तथा प्रस्तावित देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
इस विश्वविद्यालय में बाहर रविवार को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई में 50 से अधिक छात्रों के घायल होने के बाद विरोध प्रदर्शन का यह पांचवा दिन है। प्रदर्शकारियों में विश्वविद्यालय के छात्र, स्थानीय लोग तथा बच्चे शामिल हैं। उन्होंने पोस्टर, बैनर और तिरंगा लेकर छोटे छोटे जूलूस निकाले।
उत्तरपूर्वी दिल्ली में शुक्रवार को 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गई है और जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है। तीन दिन पहले संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यहां हिंसा भड़क उठी थी। पुलिस ने कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या समेत कई अधिकारी फ्लैग मार्च के दौरान मौजूद थे। पुलिस उपायुक्त सूर्या ने कहा, ‘‘ हम क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च कर रहे हैं।’’ पुलिस ने बताया कि सीलमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ और हिंसा करने के मामले में पुलिस ने गुरूवार को राशिद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
सीएए : आपत्तिजनक पोस्ट पर वॉट्सऐप ग्रुप एडमिन पर भी होगी कानूनी कार्रवाई
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश भर में जारी प्रदर्शनों के बीच यहां पुलिस की अपराध निरोधक शाखा ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिये शुक्रवार को विशेष निर्देश जारी किये।
एनआरसी और सीएए के विशेष संदर्भ में जारी निर्देशों में कहा गया, "सभी वॉट्सऐप ग्रुप एडमिन सुनिश्चित करें कि उनके समूह के सदस्य कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाली किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी अथवा पोस्ट न करें।
अन्यथा (आपत्तिजनक पोस्ट किये जाने पर) ग्रुप एडमिन के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।" निर्देशों के मुताबिक सोशल मीडिया पर पुलिस पैनी नजर रख रही है और एनआरसी तथा सीएए को लेकर भड़काऊ या भ्रामक पोस्ट किये जाने पर भारतीय दंड विधान (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के सम्बद्ध प्रावधानों के तहत कानूनी कदम उठाये जायेंगे।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सांप्रदायिक सद्भाव और शांति व्यवस्था भंग कर सकने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ जिला प्रशासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश नौ फरवरी 2020 तक लागू रहेगा। इसके अलावा, प्रशासनिक अनुमति के बगैर प्रदर्शनों, धरनों, सभाओं और रैलियों के आयोजन पर भी कानूनी पाबंदी लगा दी गयी है। इंदौर की गिनती कानून-व्यवस्था के नजरिये से संवेदनशील इलाकों में होती है।