कर्नाटक में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल जारी, मुख्यमंत्री ने काम पर लौटने की अपील की

By भाषा | Published: April 9, 2021 08:33 PM2021-04-09T20:33:23+5:302021-04-09T20:33:23+5:30

RTC employees strike in Karnataka, Chief Minister appeals to return to work | कर्नाटक में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल जारी, मुख्यमंत्री ने काम पर लौटने की अपील की

कर्नाटक में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल जारी, मुख्यमंत्री ने काम पर लौटने की अपील की

बेंगलुरु, नौ अप्रैल कर्नाटक में वेतन संबंधी मुद्दों को लेकर सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) के चालकों और परिचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन शुक्रवार को भी राज्य के अधिकतर हिस्सों में बस सेवाएं प्रभावित हुईं।

मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने कर्मचारियों से काम पर वापस लौटने की अपील की और साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की उनकी मांग को पूरा किया जाना संभव नहीं है।

बातचीत की किसी भी संभावना को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से किसी के बहकावे में आकर हठ नहीं करने की अपील की और सरकार की आर्थिक परेशानियों को समझने का आग्रह किया।

येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं सभी परिवहन कर्मियों से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि किसी के बहकावे में आकर हठ नहीं करें। पिछले साल, जब निगम के पास आपका वेतन देने के लिए पैसे नहीं थे, तब कोविड-19 से जुड़ी परेशानियों के बावजूद हमने सरकारी कोष के 2300 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर अपका वेतन दिया था।’’

सरकार के अपने रुख पर कायम रहने के साथ आरटीसी के कर्मचारियों ने शनिवार को भी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।

कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन कर्मचारी संघ के मानद अध्यक्ष कोडिहल्ली चंद्रशेखर ने कहा कि हड़ताल चौथे दिन शनिवार को भी जारी रहेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से कर्मचारियों की मांग पर ध्यान देने के लिए कहा।

सभी चार परिवहन निगम के अधिकतर कर्मचारियों के काम पर नहीं आने के कारण, बेंगलुरु सहित पूरे राज्य में ज्यादातर सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूर-दराज के क्षेत्रों में और कार्यालय जाने वाले लोग इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

हड़ताल के कारण लोगों को हो रही असुविधा को दूर करने के मकसद से सरकार ने निजी परिवहन संचालकों की सेवाएं लेकर तथा कुछ विशेष ट्रेनें चलाने का प्रबंध किया।

निजी बसें, मिनी बसें, मैक्सी कैब और अन्य वाहन भी राज्य के कई हिस्सों में चलते नजर आए। मेट्रो ने भी अपनी सेवाएं बढ़ाकर सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक कर दी है।

कई निजी संचालकों ने बताया कि अधिकतर यात्रियों को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सूत्रों ने बताया कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एसमा) लगाने की चेतावनी के बाद आरटीसी के कुछ कर्मचारी काम पर लौट आए और कुछ स्थानों पर बसें सड़कों पर चलीं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 85 प्रतिशत सरकारी राजस्व, सरकारी कर्मचारियों के वेतन, विभिन्न प्रकार की पेंशन का भुगतान करने और अन्य गैर-योजना व्यय पर खर्च किया जाता है और विकास कार्यों के लिए केवल 15 प्रतिशत ही बचता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में परिवहन कर्मियों को हठ नहीं करना चाहिए, हमने नौ में से आठ मांगें मान ली हैं। अगर उन आठ मांगों से जुड़ी कोई समस्या है तो मैं उसका समाधान करने और आपको उसका लाभ दिलवाने के लिए काम करने को तैयार हूं।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवहन विभाग जनता की सेवा के लिए काम करता है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से कहा कि इस बात पर विचार करें कि क्या ऐसे में हठ करना सही है, जब लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की आर्थिक स्थिति को समझें और जनहित के लिए बस सेवाएं बहाल करने में सहयोग करें।

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Web Title: RTC employees strike in Karnataka, Chief Minister appeals to return to work

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