दिल्ली में आरटी-पीसीआर जांच दिसंबर 2020 के 50 फीसदी से बढ़कर 90 प्रतिशत हुई

By भाषा | Updated: December 21, 2021 19:47 IST2021-12-21T19:47:54+5:302021-12-21T19:47:54+5:30

RT-PCR testing in Delhi increased to 90% from 50% in December 2020 | दिल्ली में आरटी-पीसीआर जांच दिसंबर 2020 के 50 फीसदी से बढ़कर 90 प्रतिशत हुई

दिल्ली में आरटी-पीसीआर जांच दिसंबर 2020 के 50 फीसदी से बढ़कर 90 प्रतिशत हुई

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिसंबर में अभी तक हुए कोविड-19 की कुल जांच में 88.50 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जांच है, जो पिछले साल दिसंबर के 50 फीसदी से काफी अधिक है।

अधिकारियों का कहना है कि जांच की संख्या में वृद्धि की वजह आरटी-पीसीआर जांच के साथ जुड़ी उसकी साख भी हो सकती है और पिछले साल के मुकाबले बुनियादी ढांचा के हिसाब से जांच भी आसान हुई है।

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में अभी तक कोविड की कुल 11.86 लाख जांच हुई हैं जिनमें से 10.49 लाख आरटी-पीसीआर जांच हैं।

पिछले साल दिसंबर में आरटी-पीसीआर जांच की दर 50.24 प्रतिशत थी जो जनवरी में बढ़कर 57.65 प्रतिशत हो गई। फरवरी में यह 64.81 फीसदी, मार्च में 64.29, अप्रैल में 66.02 और मई में 75.17 प्रतिशत थी। जून में यह गिर कर 71.42 फीसदी रह गई, जुलाई में 69.69 प्रतिशत रही और फहर अगस्त में बढ़कर 69.81 प्रतिशत हो गई।

सितंबर के महीने में हुई कोविड की कुल जांच का 70.08 प्रतिशत आरटी-पीसीआर था और अक्टूबर में यह प्रतिशत 74.40 था। नवंबर में यह आरटी-पीसीआर जांच की संख्या 12.31 लाख (82.74 प्रतिशत) थी, जबकि महीने में संक्रमण के लिए कुल 14.87 लाख नमूनों की जांच की गई थी।

सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले एक साल में जांच के बुनियादी ढांचे में सुधार और उसके ज्यादा ‘‘भरोसेमंद’’ होने के कारण आरटी-पीसीआर जांच की संख्या में इस कदर वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि अब ज्यादा प्रयोगशालाएं आरटी-पीसीआर जांच कर रही हैं और उसका परिणाम भी जल्दी आ रहा है।

लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि यात्राओं, अस्पताल में दाखिले और किसी भी स्थान में प्रवेश के लिहाज से प्रशासन आरटी-पीसीआर जांच को ज्यादा ‘सही’ मानता है। उन्होंने कहा कि यह भी एक कारण हो सकता है कि ज्यादा संख्या में लोग यह जांच करा रहे हैं।

आंकड़ों से यह बात भी सामने आयी है कि अप्रैल में कोविड की कुल जांच संख्या 25.77 लाख थी जो घटकर नवंबर में 14.87 लाख रह गई।

अधिकारियों का कहना है कि जांच में कमी संक्रमण में आयी कमी के कारण है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दूसरी लहर धीमी पड़ने के बाद जांच की संख्या में भी कमी आयी है, लेकिन हम रोजाना 50 से 60 हजार नमूनों की जांच लगातार कर रहे हैं।’’

रियल टाइम पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच नमूने में वायरस के जेनेटिक मटेरियल (आरएनए) का पता लगाता है और काफी सटीक है। इसका परिणाम आने में दो दिन तक का समय लग सकता है।

इस जांच के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में लक्षण नजर आने से पहले ही यह वायरस की मौजूदगी का पता लगा लेता है और परिणाम समय पर मिलने से संक्रमित व्यक्ति को जल्दी पृथकवास में रखकर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

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Web Title: RT-PCR testing in Delhi increased to 90% from 50% in December 2020

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