नई दिल्ली, 20 सितंबर: 17 सितंबर से 19 सितंबर तक दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय संघ सेवक के तीन दिवसीय कार्यक्रम 'भारत का भविष्य' का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश में चल रहे कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने गौरक्षा, मॉब लिंचिंग, इंटर कास्ट, धारा 370, राम मंदिर जैसे मुद्दे पर भी बात किया। बुधवार (19 सितंबर) को कार्यक्रम का आखिरी दिन था।
इस दौरान संघ प्रमुख से एमएस गोलवलकर की किताब 'बंच ऑफ थॉट्स' में मुस्लिम समाज के लिखे गए विचार को लेकर सवाल किया गया। सवाल में उनसे पूछा गया कि गोलवलकर ने अपनी किताब 'बंच ऑफ थॉट्स' में मुस्लिम समाज को शत्रु के रूप मे संबोधित किया है। क्या वो उससे सहमत है?
इस सवाल का जवाब देते हुए मोहन भागवत ने कहा- 'किताब में लिखी गई बात उस समय के हिसाब से लिखी गई है, जो शाश्वत नहीं रहते। संघ बंद संगठन नहीं है, समय बदलता है, हमारी सोच बदलती है, बदलने की परमिशन डॉ केशव बलिराम हेडेगवार से मिलती है, जिन्होंने कहा कि हम समय के साथ संगठन में बदलाव करने के लिए स्वतंत्र हैं।'
संघ प्रमुख ने ये भी कहा कि अरे भाई हम सब एक देश के संतान हैं। सब मिलजुलकर भाई-भाई जैसे रहें। सब अपने हैं, दूर गए तो उन्हें जोड़ना है। गौरतलब है कि गोलवलकर ने अपनी किताब 'बंच ऑफ थॉट्स' में मुस्लिम और ईसाईयों को हिंदु समाज के लिए खतरा बताया है।
बता दें कि संघ के इस तीन दिवसीय सम्मेलन में सत्तारूढ़ भाजपा के विभिन्न नेताओं, बालीवुड अभिनेताओं, कलाकारों एवं शिक्षाविदों की उपस्थिति देखी गई। बहरहाल, ‘‘भविष्य का भारत..आरएसएस का दृष्टिकोण’’ शीर्षक वाले इस सम्मेलन में लगभग सभी प्रमुख विपक्षी दलों की उपस्थिति नगण्य रही हालांकि संघ ने कहा कि उसने सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था।