संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ज्ञानवापी और बुर्का विवाद सहित तमाम मुद्दों पर की मुस्लिम बुद्धिजीवियों से चर्चा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 21, 2022 08:06 AM2022-09-21T08:06:43+5:302022-09-21T08:11:32+5:30
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक करके मुस्लिम समाज से संबंधित विभिन्न विवादित विषयों पर विस्तार से चर्चा की और उन विवादों पर मुस्लिम समाज की राय जानने का प्रयास किया।
दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने वर्तमान दौर में मुस्लिम समाज से संबंधित विभिन्न विवादित और जटिल मुद्दों पर देश को कई प्रबुद्ध मुस्लिम शख्सियतों से चर्चा की। जानकारी के मुताबिक संघ प्रमुख की मुलाकात का उद्देश्य हाल के विवादों पर मुस्लिम समाज की राय जानना और धार्मिक समावेशी अवधारणा को मजबूती प्रदान करना था।
इस मुलाकात के संबंध में संघ के करीबी सूत्रों ने बताया कि यह बैठक मुस्लिम समाज में संघ के विचारों को बढ़ावा देने और देश में धार्मिक समावेश को मजबूत बनाने के लिए की गई थी। इस बैठक में संघ प्रमुख ने ज्ञानवापी विवाद, हिजाब विवाद, जनसंख्या नियंत्रण जैसी कई महत्वपूर्ण विषयों पर मुस्लिम पक्ष को समझा और उनके साथ व्यापक तरीके से चर्चा की।
मोहन भागवत के साथ इस बैठक में देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल ज़मीर उद्दीन शाह और पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी के साथ-साथ कई अन्य हस्तियों ने हिस्सा लिया।
संघ के साथ बैठक और लंबी चर्चा के बाद पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि संघ प्रमुख के साथ देश में आपसी सौहार्द, शांति और भाईचारे को मजबूत करने के लिए गंभीर चर्चा हुई।
इसके साथ ही सिद्दीकी ने यह भी कहा, "मुस्लिम समाज को इस बात को लेकर बेहद चिंतित है कि इस समय देश में जो कुछ भी हो रहा है उससे धार्मिक एकता को काफी चोट पहुंच रही है और उससे एक-दूसरे के प्रति भरोसे की बुनियाद काफी कमजोर हो रही है। इसलिए बैठक में शामिल तमाम लोगों ने देश में शांति और भाईचारे को बनाए रखने और मजबूत करने के संबंध में संघ प्रमुख से चर्चा की।"
पूर्व सांसद और पेशे से पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने अंत में यह भी कहा कि मोहन भागवत देश की एक ऐसी संस्था से ताल्लुक रखते हैं, जिसके इस मुल्क में लाखों-करोड़ों फॉलोअर्स हैं। इस लिहाज से मुस्लिम समाज को उम्मीद है कि मोहन भागवत के साथ हुई चर्चा का कोई सार्थक परिणाम निकलेगा और देश की साझी हिंदू-मुस्लिम एकता को नया बल मिलेगा।