"आरएसएस और नरेंद्र मोदी देश का संविधान बदलना चाहते हैं", संजय सिंह ने 'इंडिया' की जगह 'भारत' करने पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 5, 2023 01:22 PM2023-09-05T13:22:08+5:302023-09-05T13:32:08+5:30
आप सांसद संजय सिंह ने आरएसएस और नरेंद्र मोदी सरकार पर देश के संघवाद से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार 'इंडिया' शब्द को हटाने के लिए देश के संविधान में बदलाव करना चाहती है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश के संघवाद से खिलवाड़ कर रहे हैं और 'इंडिया' शब्द को हटाने के लिए देश के संविधान में बदलाव करना चाहते हैं।
संजय सिंह ने आरएसएस पर बेहद तीखा हमला करते हुए कहा कि इस महीने की शुरुआत में विशेष रूप से मोहन भागवत ने कहा था कि लोगों को इंडिया की बजाय "भारत" नाम का उपयोग करना चाहिए और लोगों को इसकी आदत डालनी चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राज्यसभा सांसद संजय सिंह हाल के विभिन्न मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाकर भारत करने की योजना बना रही है।
उन्होंने संघ और पीएम मोदी से सवालिया लहजे में कहा कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत को भीम राव अंबेडकर से 'नफरत' क्यों है, जो देश के संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं और उन्हें संविधान का जनक कहा जाता है।
संजय सिंह ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर की गई अपनी पोस्ट में कहा, "बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान में लिखा है, ''इंडिया दैट इज़ भारत'', लेकिन बाबा साहेब से नफरत करने वाले मोदी और आरएसएस इस संविधान को बदलना चाहते हैं। भागवत और मोदी बाबा साहब से इतनी नफरत क्यों करते हैं?”
इसके साथ ही आप नेता संजय सिंह ने संविधान के अनुच्छेद 1 में उल्लिखित संवैधानिक प्रावधानों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख भागवत ने गुवाहाटी में अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत नाम प्राचीन काल से चला आ रहा है और इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
असम में सकल जैन समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था, "हमारे देश का नाम सदियों से भारत रहा है। भाषा कोई भी हो, देश का नाम एक ही है।"
इसके अलावा भाजपा बार-बार यह घोषणा करके विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) पर हमला कर रही है कि 'इंडिया' नाम औपनिवेशिक अतीत का अवशेष है।
दरअसल सियासी दलों में यह विवाद उस वक्त पैदा हुआ जब भाजपा के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने हाल ही में संपन्न हुए मानसून सत्र में राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि 'इंडिया' नाम "औपनिवेशिक गुलामी" का प्रतीक है और इसे संविधान से हटा दिया जाना चाहिए।
राज्यसभा सांसद बंसल ने कहा, “संविधान कहता है, 'इंडिया, दैट इज़ भारत'। अनुच्छेद 1 के तहत अंग्रेजों ने भारत का नाम बदलकर इंडिया कर दिया था। हमारा देश हजारों वर्षों से 'भारत' नाम से जाना जाता है। यह इस देश का प्राचीन नाम है और इसका उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में मिलता है। 'इंडिया' नाम औपनिवेशिक राज द्वारा दिया गया था और इस प्रकार यह गुलामी का प्रतीक है। इसलिए संविधान से इंडिया नाम हटा देना चाहिए।''