शाही रेल 'पैलेस ऑन व्हील्स' का एक दिन का किराया सवा लाख रु., फलों के नाम पर मिल रहा है केवल पपीता
By धीरेंद्र जैन | Updated: February 7, 2020 05:46 IST2020-02-07T05:46:12+5:302020-02-07T05:46:12+5:30
शाही रेल का प्रबंधन संभाल रहे अधिकारियों-कर्मचारियों ने चुपचाप तरीके से रेल में आने वाले पर्यटकों को दिये जाने वाले फलों में कटौती कर दी है।

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)
राजस्थान की राजधानी जयपुर को जहां विश्व धरोहर का दर्जा देते हुए हेरिटेज सिटी का प्रमाण पत्र दिया गया है वहीं दूसरी और पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र शाही रेल ‘पैलेस ऑन व्हील्स‘ में यात्रियों को सर्व किये जाने वाले फूड आइटम्स में अघोषित कटौती कर दी गई है। जिसके चलते सवा लाख रुपये प्रतिदिन का किराया देने वाले यात्रियों को महज पपीता खाने को मिल रहा है। जबकि पूर्व में सभी सीजनेबल फलों के अलावा विदेशी फल और उनके ज्यूस भी उपलब्ध होते थे।
शाही रेल का प्रबंधन संभाल रहे अधिकारियों-कर्मचारियों ने चुपचाप तरीके से रेल में आने वाले पर्यटकों को दिये जाने वाले फलों में कटौती कर दी है।
सितंबर में शुरू हुआ सीजन मार्च 2020 तक चलेगा लेकिन दीपावली के बाद से पर्यटकों के लिए सीजनेबल और विदेशी फलों का अकाल पड़ गया है।
रेल में सफर कर रहे यात्रियों ने कहा कि उन्हें जो मैन्यू दिखाया गया था उसमें भारतीय फलों के साथ ही विदेशी फलों को भी शामिल किया गया था लेकिन शाही रेल में उन्हे पपीता ही दिया जा रहा है।
शाही रेल से जुड़े सूत्रों के अनुसार फलों की खरीद कागजों में उतनी ही हो रही है जितनी पहले होती थी लेकिन अब फल केवल कागजों में भी खरीदे जा रहे हैं। यह एक बड़ा फूड घोटाला हो सकता है जो राजस्थान की विश्व में छवि धूमिल कर रहा है।