छत्रपति संभाजीनगरः छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज होने के बीच पुलिस-प्रशासन ने कब्र स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी और यहां प्रवेश करने से पहले आगंतुकों के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए दिन में विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे। महाराष्ट्र में औरंगजेब को मराठों के साथ युद्ध के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने औरंगजेब की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का विरोध किया था।
मराठा योद्धा राजा शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी को औरंगजेब के आदेश पर पकड़ लिया गया, प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया। छत्रपति संभाजीनगर ग्रामीण पुलिस विभाग ने खुल्दाबाद शहर के प्रवेश बिंदू से लेकर कब्र स्थल तक कई स्थानों पर सुरक्षा नाके स्थापित किये हैं। यहां एक अधिकारी ने बताया कि राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की 50 पुलिसकर्मियों की एक कंपनी, स्थानीय पुलिस के 30 जवान और 20 होमगार्ड के जवानों को विभिन्न स्थानों और कब्र स्थल पर तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि अब कब्र पर आने वाले पर्यटकों को होमगार्ड की एक टीम के पास रखे आगंतुक रजिस्टर में अपना नाम लिखना होगा और पहचान संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। कब्र स्थल की देखरेख करने वाले परवेज कबीर अहमद ने कहा, ‘‘यहां स्थिति शांतिपूर्ण है और लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
कब्र को गिराने की मांग उठने के बाद से यहां आने वालों की संख्या में कमी आई है। रमजान के दौरान यहां आने वालों की संख्या आमतौर पर कम होती है। लगभग 100 लोग प्रतिदिन आते हैं, लेकिन मुद्दा उठने के बाद से यह संख्या कम हो गई है।’’
सरकार औरंगजेब के कब्र की सुरक्षा के लिए बाध्य है, लेकिन उसके महिमा मंडन की अनुमति नहीं: फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि सरकार औरंगजेब के कब्र की सुरक्षा करने के लिए बाध्य है, लेकिन वह उसकी विरासत का ‘‘महिमा मंडन’’ करने के प्रयासों की अनुमति नहीं देगी। फडणवीस ने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है जब हिंदू संगठन मुगल सम्राट के मकबरे को ध्वस्त करने का आह्वान कर रहे हैं।
इन संगठनों का दावा है कि मकबरा ‘‘दर्द और गुलामी का प्रतीक’’ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने औरंगजेब के मकबरे को संरक्षित स्थल घोषित किया हुआ है, इसलिए वह इसकी सुरक्षा करने के लिए बाध्य है और इसका संरक्षण करना श्रद्धा से ज्यादा ऐतिहासिक रिकॉर्ड का विषय है।
मुख्यमंत्री ने ठाणे में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर उन्हें समर्पित एक मंदिर का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को औरंगजेब के अत्याचारों के इतिहास के बावजूद उसकी कब्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी पड़ रही है। हालांकि, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यदि उनकी विरासत का ‘महिमा मंडन’ करने का कोई प्रयास किया गया तो यह सफल नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा कि केवल छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर का ही महिमा मंडन किया जा सकता है, औरंगजेब की कब्र का नहीं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर सोमवार को दिन में प्रदर्शन किया और खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए ज्ञापन सौंपे।