रॉबर्ट वाड्रा ने 11 सालों में अपनी आय 106 करोड़ रुपये कम बताई, आयकर विभाग ने लगाया आरोप

By विशाल कुमार | Published: March 9, 2022 08:23 AM2022-03-09T08:23:55+5:302022-03-09T08:33:14+5:30

बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम के तहत राजस्थान में भूमि सौदों में कथित कर चोरी के लिए वाड्रा के खिलाफ विभाग की जांच के संबंध में आय की कम जानकारी देने की बात सामने आई है।

robert-vadra-under-reported-rs-106-cr-income-over-11-years-alleges-it department | रॉबर्ट वाड्रा ने 11 सालों में अपनी आय 106 करोड़ रुपये कम बताई, आयकर विभाग ने लगाया आरोप

रॉबर्ट वाड्रा ने 11 सालों में अपनी आय 106 करोड़ रुपये कम बताई, आयकर विभाग ने लगाया आरोप

Highlightsआयकर विभाग ने इस राशि को उनकी आय में जोड़ने का प्रस्ताव दिया है।आयकर विभाग ने वाड्रा की सात कंपनियों की आय में लगभग 9 करोड़ रुपये जोड़ने का भी प्रस्ताव किया है।भूमि सौदों में कथित कर चोरी की जांच में आय की कम जानकारी देने की बात सामने आई है।

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने 11 सालों में राजस्थान में बेनामी जोत से अपनी आय को 106 करोड़ रुपये कम बताया। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग ने इस राशि को मूल्यांकन वर्ष 2010-11 से 2020-21 के दौरान उनकी आय में जोड़ने का प्रस्ताव दिया है।

आयकर विभाग ने वाड्रा की सात कंपनियों - मैसर्स आर्टेक्स, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी, स्काईलाइट रियल्टी, ब्लूब्रीज ट्रेडिंग, लंबोदर आर्ट्स, नॉर्थ इंडिया आईटी पार्क्स और रियल अर्थ की आय में लगभग 9 करोड़ रुपये जोड़ने का भी प्रस्ताव किया है जो कि 2010-11 से 2015-16 मूल्यांकन वर्ष के दौरान की हैं।

बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम के तहत राजस्थान में भूमि सौदों में कथित कर चोरी के लिए वाड्रा के खिलाफ विभाग की जांच के संबंध में आय की कम जानकारी देने की बात सामने आई है।

विभाग ने दिसंबर 2021 में वाड्रा की आय (106 करोड़ रुपये) और उनकी सात कंपनियों (लगभग 9 करोड़ रुपये) की कम जानकारी देने को लेकर अपने निष्कर्षों की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी दी थी।

वाड्रा ने कहा कि पिछले कई सालों की तरह ही एक ही कारण से मेरा नाम उछाला जा रहा है और ऐसा करने का समय सबसे महत्वपूर्ण है। साफ तौर पर दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। मेरी कानूनी टीम साफ-साफ जवाब दे पाएगी।

आईटी अधिनियम 1961 की धारा 270 ए के तहत, आयकर चोरी पर आय की कम जानकारी देने के लिए देय कर के 50 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि गलत जानकारी देने के कारण कम आय की जानकारी सामने आती है, तो जुर्माना देय कर का 200 प्रतिशत होगा।

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