साल 2017 में हुई 2.2 लाख युवाओं की मौत के पीछे ये है बड़ी वजह

By भाषा | Updated: December 23, 2019 18:59 IST2019-12-23T18:59:30+5:302019-12-23T18:59:30+5:30

‘द इंडिया स्टेट लेवल डिजिज बर्डेन इनिशिएटिव’ नामक इस अध्ययन के अनुसार देश में सड़क हादसों में जिन लोगों की मौत हुई, उनमें आधे से अधिक पैदल यात्री और मोटरसाइकिल सवार थे। यह आंकड़ा वैश्विक औसत से अधिक था।

Road accidents are the most responsible for the premature death of youth with 2.2 lakh deaths in 2017 | साल 2017 में हुई 2.2 लाख युवाओं की मौत के पीछे ये है बड़ी वजह

साल 2017 में हुई 2.2 लाख युवाओं की मौत के पीछे ये है बड़ी वजह

Highlightsइस अध्ययन के अनुसार भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में 1990 की तुलना में अब गिरावट आयी है यह शोध बताता है कि 2017 में भारत में सड़क हादसा 15-39 साल के उम्र के लोगों की मौत की सबसे बड़ी वजह था।

भारत में 2017 में दुर्घटनाओं में 2.2 लाख मौतों के साथ ही देश में सड़क हादसा युवकों की समयपूर्व मौत के लिए पहला सबसे बड़ा कारक और पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की मौत के लिए दूसरा सबसे बड़ा कारक बनकर उभरा है। लांसेट पब्लिक हेल्थ पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है।

‘द इंडिया स्टेट लेवल डिजिज बर्डेन इनिशिएटिव’ नामक इस अध्ययन के अनुसार देश में सड़क हादसों में जिन लोगों की मौत हुई, उनमें आधे से अधिक पैदल यात्री और मोटरसाइकिल सवार थे। यह आंकड़ा वैश्विक औसत से अधिक था।

इंडिया स्टेट लेवल डिजिज बर्डेन इनिशिएटिव के मुताबिक हर राज्य के लिए सड़क हादसे में जान गंवाने वालों का आंकड़ा लोगों के प्रकार (जैसे पैदलयात्री, मोटरसाइकिल सवार, साइकिल सवार आदि) के हिसाब से जारी किया गया है।

सड़क हादसों में जान गंवाने वाले पैदलयात्रियों, मोटरसाइकिल सवारों, साइकिल सवारों और मोटर वाहन सवारों समेत सड़क उपयोगकर्ताओं की संख्या की लिहाज से विभिन्न राज्यों में चार से आठ गुणा का फर्क है जो इस बात को रेखांकित करता है कि हर राज्य के लिए अलग अलग सड़क सुरक्षा नियोजन की जरुरत है।

इस अध्ययन के अनुसार भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में 1990 की तुलना में अब गिरावट आयी है लेकिन संषोणीय विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उसमें और कमी लाने की जरूरत है।

दुनिया की जानी मानी स्वास्थ्य शोध पत्रिकारों में से एक में प्रकाशित इस अध्ययन में भारत के विभिन्न राज्यों में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का उम्र और लिंग के हिसाब से विवरण दिया गया है। यह शोध बताता है कि 2017 में भारत में सड़क हादसा 15-39 साल के उम्र के लोगों की मौत की सबसे बड़ी वजह था।

यह पुरूषों और महिलाओं की मौत की लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा कारण था। इस अध्ययन के मुख्य लेखक पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की प्रोफेसर राखी दंडोना ने कहा कि भारत में तीव्र शहरीकरण और आर्थिक वृद्धि से वाहनों की संख्या और यातायात बढ़ा है लेकिन बुनियादी ढांचे और यातायात नियमों के अनुपालन अब भी पीछे चल रहे हैं, फलस्वरूप सड़क हादसों में मौतें अधिक होती हैं। 

Web Title: Road accidents are the most responsible for the premature death of youth with 2.2 lakh deaths in 2017

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