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लालू यादव के दोनों बेटों में नहीं बन पा रही राजनीतिक सहमति, RJD से तेजप्रताप ने बनाई दूरी?

By एस पी सिन्हा | Updated: September 12, 2018 20:13 IST

सूबे के सियासी गलियारे में चल रही चर्चाओं के अनुसार, राजद नेताओं की मंगलवार को संपन्न हुई इस हाईलेवल बैठक में पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं को बुलाया गया था। लेकिन इस बैठक में लालू-राबडी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को कोई तवज्जो नहीं दी गई।

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पटना, 12 सितंबर: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच क्या राजनीतिक सहमति नहीं बन पा रही है? यह अटकलों का दौर शुरू हो गया है। पार्टी की एक अहम बैठक में राजद के तमाम छोटे-बड़े नेता तो शामिल हुए। लेकिन, बैठक में तेजप्रताप यादव कहीं नहीं दिखे। 

वहीं, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी तेजप्रताप के समर्थकों की बहुप्रचारित पदयात्रा को हरी झंडी दिखाने से मना कर दिया। ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि राजद में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि, राजद के नेताओं ने इसको लेकर सफाई देना शुरू कर दिया है, लेकिन सत्ता पक्ष जदयू और भाजपा के नेता इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ये तो होना ही था। 

सूबे के सियासी गलियारे में चल रही चर्चाओं के अनुसार, राजद नेताओं की मंगलवार को संपन्न हुई इस हाईलेवल बैठक में पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं को बुलाया गया था। लेकिन इस बैठक में लालू-राबडी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को कोई तवज्जो नहीं दी गई। बताया जाता है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि राजद की किसी बैठक में तेजप्रताप यादव कहीं नजर नहीं आये। वो भी तब जब तेजप्रताप उसी कैंपस में थे जहां बैठक हो रही थी। 

तेजप्रताप यादव छात्र राजद का काम देखते हैं। छात्र राजद ने एक सप्ताह पहले ही 11 सितंबर से पटना से लेकर सिताब दियारा तक पदयात्रा करने का एलान किया था और कहा गया था कि इस यात्रा को तेजस्वी यादव हरी झंडी दिखायेंगे और इसमें शामिल भी होंगे। तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक छात्र राजद नेता यात्रा शुरू करने के लिए लालू-राबडी के आवास 10, सर्कुलर रोड के सामने इकट्ठा हुए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इस बहुप्रचारित पदयात्रा को हरी झंडी दिखानी थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। बाद में तेजप्रताप ने इस पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई। बताया जा रहा है कि पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद नहीं था। सियासी गलियारे में चर्चा है कि तेजप्रताप अंतत: अब राजद से किनारे कर दिये गये हैं। 

हालांकि, राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है। दोनों भाई एक हैं और लालू के परिवार में कोई मतभेद नहीं है। ये बात भी दीगर है कि तेजस्वी यादव को लालू प्रसाद यादव के समर्थकों ने अपना नेता मान लिया है क्योंकि उन्हें पता है कि आनेवाले दिनों में तेजस्वी यादव ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे।

इन सबके बीच सत्तापक्ष में शामिल जदयू और भाजपा ने तेजप्रताप के बहाने राजद पर इस मुद्दे को लेकर निशाना साधा है। जदयू नेताओं का कहना है कि ये तो सामने आना ही था क्योंकि लंबे समय से जो बातें सामने आ रही थीं उनसे साफ तौर से संकेत मिल रहे थे कि तेजस्वी यादव की ओर से तेज प्रताप को आगे नहीं बढने दिया जा रहा है। 

पहले भी तेज प्रताप सोशल मीडिया पर अपना दर्द लिख चुके हैं। जिसमें उन्होंने एक एमएलसी तक का नाम भी लिख दिया था। वहीं, भाजपा विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने कहा कि राजद की तरफ से ये जो बातें सामने आयी हैं वो पूरी तरह से सही हैं। उन्होंने तंज कसा कि तेजप्रताप को पहले बड़े से छोटा बनाया गया। एफिडेविट में लिखकर दिया गया अब वही हो रहा है। अच्छा भी है क्योंकि एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती हैं। तेजस्वी ने अब साफ तौर पर इशारा कर दिया है कि वो पार्टी में तेजप्रताप को किनारे लगा चुके हैं।

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