बिहार में महागठबंधन में बिखराव की स्थिति, समीक्षा बैठक में नहीं आया कांग्रेस का कोई नेता
By एस पी सिन्हा | Updated: May 29, 2019 17:48 IST2019-05-29T17:48:40+5:302019-05-29T17:48:40+5:30
बिहार में महागठबंधन दलों के बिखराव के शुरुआती संकेत सामने आने लगे हैं. कांग्रेस के बैठक में शामिल नहीं होने के मसले पर पर बैठक के बाद जब शरद यादव से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. वहीं तेजस्वी यादव ने भी इस सवाल का साफ-साफ जवाब नहीं दिया.

बिहार में महागठबंधन में बिखराव की स्थिति, समीक्षा बैठक में नहीं आया कांग्रेस का कोई नेता
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बिहार में महागठबंधन के विभिन्न दलों की हुई समीक्षा बैठक में आपसी फुट भी दिखाई दिया. राबड़ी देवी के आवास पर हुई महागठबंधन नेताओं की समीक्षा बैठक में राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, शरद यादव और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा तो शामिल हुए, लेकिन इस बैठक में भाग लेने कांग्रेस से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा. ऐसे में महागठबंधन दलों की एकजुटता दिखाने की कोशिश को यह बड़ा झटका माना जा रहा है.
दरअसल, बिहार में महागठबंधन दलों के बिखराव के शुरुआती संकेत सामने आने लगे हैं. कांग्रेस के बैठक में शामिल नहीं होने के मसले पर पर बैठक के बाद जब शरद यादव से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. वहीं तेजस्वी यादव ने भी इस सवाल का साफ-साफ जवाब नहीं दिया. जाहिर है महागठबंधन में बिखराव का संकेत माना जा रहा है. हार के बाद पहली बार महागठबंधन के सारे नेता एक साथ बैठे थे. इसमें हार का मंथन और 2020 के लिए एकजुटता दिखाने कवायद थी. बैठक में तेजस्वी यादव के अलावा जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा, शरद यादव, मुकेश सहनी शामिल रहे, लेकिन कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ.
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने जस्वी यादव पर लगाए आरोप
यहां बता दें कि आज कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि कांग्रेस को बिहार में अकेले चलने की जरूरत है. कांग्रेस से भी कोई गलती हुई तो उसकी भी समीक्षा जरूरी है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव कर रहे थे. उनकी बड़ी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने नहीं निभाई. वह महागठबंधन के भीतर तालमेल बनाने में भी कामयाब नहीं रहे.
इसी तरह वरिष्ठ कांग्रेस नेता और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने बिहार कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए पूरी कांग्रेस में बडे़ स्तर पर बदलाव की वकालत की है. उन्होंने कहा कि बिहार कांग्रेस को सिर्फ बदलने की नहीं, बल्कि पूरी तरह से पलट देने की जरूरत है.
वहीं, बैठक में शामिल होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि चुनाव में जिस तरह हमारे नेताओं को रिस्पांस मिल रहा था, परिणाम उसके अनुरूप नहीं आया. इस पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम लोग निराश जरूर हैं. लेकिन हतोत्साहित नहीं है. डॉक्टर लोहिया निराशा के वक्त जिस तरह काम करने की बात कहा करते थे, उसी तरह हम लोग काम करेंगे. राजद नेता ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों ने वोट लूटने का काम किया है. चुनाव के प्रतिकूल परिणाम को हम एक चुनौती के रूप में लेते हैं. रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि इस चुनाव में कहां भूल-चूक हुई है. इस पर चर्चा करेंगे और अगला चुनाव अपने नेता माननीय तेजस्वी प्रसाद के नेतृत्व में लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बिहार में सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की जीत होगी और हमारी सरकार बनेगी.