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राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को एक और झटका, सजा की अवधि और बढ़ी, जानें मामला

By एस पी सिन्हा | Updated: March 5, 2021 15:27 IST

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार के जेल सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी है।

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ठळक मुद्देराजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में तैनात पुलिस कुछ पदाधिकारी और कुछ पुलिसकर्मी दोषी है।लालू यादव के द्वारा जिस वक़्त कॉल किया गया, उस समय का मिलान ड्यूटी रोस्टर से किया जायेगा।रिम्स निदेशक की ओर से बिना शर्त माफी मांगते हुए मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट दाखिल की गई।

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले की सुनवाई हुई। हालांकि राजद नेता को झटका लगा है। 

हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान जेल आईजी की ओर से जेल मैनुअल में संशोधन किए जाने से संबंधित एसओपी को दाखिल किया गया। वहीं रिम्स निदेशक की ओर से बिना शर्त माफी मांगते हुए मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट दाखिल की गई।

निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लालू प्रसाद को कई गंभीर बीमारियां हैं। कुछ बीमारी की जांच भी नियमित करानी है। ऐसे में रिम्स में खास सुविधा नहीं होने के कारण और बेहतर इलाज के लिए उन्हें एम्स भेजा गया है। वहीं, रिपोर्ट देखने के बाद हाईकोर्ट संतुष्ट हुआ और इस मामले की सुनवाई अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी।

लालू प्रसाद यादव को दिल्ली एम्स में इलाज के लिए चार हफ्ते का और वक्त दिया गया है। इसके साथ ही लालू प्रसाद यादव फोन कॉल प्रकरण की जांच में अफसरों की लापरवाही सामने आई है, जिन पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। लालू फोन कॉल प्रकरण में पुलिसकर्मी दोषी बताया गया है। इस बातचीत प्रकरण में पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई होगी।

लालू की सुरक्षा में जो पुलिसकर्मी और अधिकारी लगाए गए थे, उनकी लापरवाही सामने आई है। लालू यादव के फोन प्रकरण को लेकर जेल आईजी के साथ-साथ जिला प्रशासन ने भी जांच बैठाई थी। जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है।

लालू प्रसाद यादव होटवार जेल प्रशासन की कस्टडी में है और तबीयत खराब होने के कारण लंबे वक्त से उनका इलाज रिम्स में चल रहा था, इसी दौरान रिम्स के पेइंग वार्ड से लालू यादव को केली बंगले में शिफ्ट किया गया था। लगातार इस तरह की खबरें आ रही थी कि लालू यादव को जेल मैनुअल से अलग जाकर सुविधाएं दी जा रही हैं और जेल मैनुअल का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।

इस मामले में कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी थी। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि लालू की सुरक्षा में तैनात जवानों की लापरवाही से ही मोबाइल लालू तक पहुंचा है। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैली बंगले में लालू यादव की सुरक्षा में तैनात रांची पुलिस के जवानों को ठीक ढंग से तलाशी नहीं ली जाने के वजह से फोन के सेवादारों या अन्य लोगों के माध्यम से लालू तक मोबाइल संभवत पहुंचा है, जिससे लालू यादव ने अन्यत्र बात की होगी।

टॅग्स :लालू प्रसाद यादवआरजेडीबिहारझारखंड विधानसभा चुनाव 2019हाई कोर्टएम्सहेमंत सोरेनसीबीआई
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